झारखंड में मुख्यमंत्री बदलने को लेकर जारी अटकलों पर विराम लग गया है। आज झारखंड विधायक दल की बैठक में एक सुर से हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद पर बनाए रखने का फैसला लिया गया। इससे पहले ऐसी अटकलें थी कि ईडी की ओर से मिल रहे लगातार नोटिस के बाद हेमंत सोरेन इस्तीफा दे सकते हैं और अपनी जगह पत्नी कल्पना सोरेन को प्रदेश की बागडोर सैंप सकते हैं।
दबाव बनाने के लिए ED की कार्रवाई-सोरेन
सूत्रों के मुताबिक विधायक दल की बैठक में सीएम हेमंत सोरेन ने विधायकों से कहा कि ED की कार्रवाई उन पर दबाव बनाने के लिए की जा रही है। हालात जो भी होंगे उनका सामना करना पड़ेगा। मीटिंग के दौरान हेमंत सोरेन ने अपने मीडिया सलाहकार के घर की जा रही ED की कार्रवाई का भी जिक्र किया। सीएम ने विधायकों को बताया कि उनके मीडिया सलाहकार के कमरे के ताले को ED ने चार लोगों से मिलकर तुड़वाया, आगे भी दबाव बनाने की कोशिश जारी रह सकती है। ऐसे में किसी भी तरह के राजनैतिक हालात का सामना करना पड़ सकता है।
सीएम ने सबसे आगे की रणनीति पर पूछा तो विधायको ने कहा, जो भी फैसला लिया जाएगा सब साथ देंगे। अब सभी विधायकों को अगले कुछ दिनों तक रांची या आसपास के इलाके में रहने के लिए कहा गया है।
ED के अगले कदम का इंतजार
सूत्रों के मुताबिक हेमंत सोरेन ED के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं। अगर उनके मीडिया सलाहकार की गिरफ्तारी होती है तो दोबारा विधायकों की बैठक बुलाकर नए सीएम को लेकर चर्चा की जाएगी। क्योंकि हेमंत सोरेन की गिरफ़्तारी के चांसेज बढ़ जाएंगे। अगले एक दो दिनों में ED की करवाई का इंतजार करने के लिए विधायकों को बोला गया है।
दरअसल, अवैध खनन के मामले में ईडी की टीम रांची, साहिबगंज और देवघर समेत कई जगहों पर छापेमारी कर रही है। सीएम हेमंत सोरेन के करीबियों पर ये छापेमारी चल रही है। उनके मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद, साहिबगंज के कलेक्टर रामनिवास यादव और देवघर के पूर्व एमएलए पप्पू यादव, रांची में आर्किटेक्ट बिनोद सिंह और ठेकेदार सरावगी के यहां भी ईडी कार्रवाई कर रही है।
विधायक दल की बैठक के बाद कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा, “बैठक में 43 विधायक मौजूद थे और जो बात सामने आई है वो ये है कि हेमंत सोरेन आज भी मुख्यमंत्री हैं और आगे भी वो ही मुख्यमंत्री रहेंगे…”
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