I.N.D.I.A गठबंधन में घमासान बढ़ा: देवेशचंद्र ठाकुर के खिलाफ RJD-JDU नेताओं की गोलबंदी, कहा-पिछड़ों का अपमान करने वाला उम्मीदवार कैसे बनेगा?
बिहार में I.N.D.I.A गठबंधन में सीट शेयरिंग फाइनल नहीं हुआ है. लेकिन बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने खुद को सीतामढ़ी संसदीय सीट से जेडीयू का प्रत्याशी घोषित कर दिया है. देवेश चंद्र ठाकुर बार-बार कह रहे हैं कि नीतीश कुमार ने उन्हें उम्मीदवार बनाने का एलान कर दिया है. लेकिन विधान परिषद के सभापति की दावेदारी के खिलाफ JDU और RJD दोनों पार्टियों के नेता गोलबंद हो गये हैं. सीतामढ़ी के कई पूर्व सांसद, मंत्री और विधायक ने शुक्रवार को पटना में बैठक की. इन नेताओं ने कहा-देवेश चंद्र ठाकुर पिछ़ड़ों और अति पिछड़ों का अपमान कर रहे हैं, ऐसे नेता को उम्मीदवार कैसे बनाया जा सकता है।
सीतामढ़ी के नेताओं की पटना में बैठक
पटना के एक होटल में शुक्रवार को सीतामढ़ी से आने वाले जेडीयू और राजद के नेता जुटे. इनमें पूर्व सांसद अर्जुन राय, पूर्व सांसद रामकुमार शर्मा, पूर्व मंत्री रंजू गीता, पूर्व विधायक अबु दोजाना, सुनील कुशवाहा समेत एक दर्जन से ज्यादा नेता शामिल थे. लंच पर जुटे इन नेताओं ने तय किया कि सीतामढ़ी सीट से देवेश चंद्र ठाकुर की दावेदारी का हर हाल में विरोध करेंगे।
पिछड़ो का अपमान कर रहे हैं देवेश चंद्र ठाकुर
बैठक में मौजूद पूर्व मंत्री रंजू गीता ने कहा कि अभी I.N.D.I.A गठबंधन में सीट शेयरिंग फाइनल नहीं हुआ है. कौन पार्टी कहां चुनाव लड़ेगी ये तय नहीं हुआ है. पहले सीट फाइनल होगा और तब उम्मीदवार तय होगा. लेकिन देवेश चंद्र ठाकुर अपने मुंह मियां मिट्ठू बने हुए हैं. वे खुद को उम्मीदवार घोषित कर रहे हैं. रंजू गीता ने कहा कि देवेश चंद्र ठाकुर ने मुझे अंधा और कौआ कहा है. मैं पिछड़े की बेटी हूं तो क्या मुझे कोई कौआ और अंधा कहेगा. पिछ़ड़ों को अपमानित करने वाले नेता को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
बैठक में मौजूद पूर्व सांसद अर्जुन राय ने कहा कि देवेशचंद्र ठाकुर स्वंयभू उम्मीदवार बन गये हैं. पार्टी या गठबंधन में अभी कहीं उम्मीदवार की चर्चा नहीं है लेकिन देवेश चंद्र ठाकुर अलग ही दावा कर रहे हैं. वे पिछड़ों को अपमानित कर रहे हैं. ऐसे नेता को पार्टी उम्मीदवार कैसे बना सकती है।
जेडीयू-राजद के नेताओं की इस बैठक में मौजूद पूर्व विधायक अबू दोजाना ने कहा कि I.N.D.I.A गठबंधन के नेतृत्व को देवेश चंद्र ठाकुर की बयानबाजी पर रोक लगाना चाहिये. अगर उनकी बयानबाजी पर रोक नहीं लगायी गयी तो लोकसभा चुनाव में गठबंधन को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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