बिहार की राजधानी पटना में इन दिनों मुंबई बनाम बिहार रणजी ट्रॉफी मैच का आयोजन हो रहा है. पहले दिन मोइन उल हक स्टेडियम में इस मैच का लुक उठाने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे. खेल के प्रति प्रेम देखकर मुंबई टीम के कप्तान और इंडिया टीम से खेल चुके अर्जेंट के रहने ने भी कहा कि बिहार में क्रिकेट प्रेमियों की कोई कमी नहीं है. इसी बीच बिहार टीम से रणजी ट्रॉफी में पहली बार डेब्यू करने वाले वैभव सूर्यवंशी को लेकर जोर जोर से चर्चा तेज हो गई है।

दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार वैभव सूर्यवंशी के पिता किसान है और उसने सचिन का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. दैनिक भास्कर लिखता है कि सचिन तेंदुलकर से कम उम्र में डेब्यू करके वैभव सूर्यवंशी ने नया कीर्तिमान रच दिया है और उसने एक साल में 49 शतक ठोका है. वैभव सूर्यवंशी की उम्र दैनिक भास्कर ने रणजी ट्रॉफी डेब्यू के समय 12 साल 284 दिन बताया है. कहां जाता है कि सचिन तेंदुलकर ने 15 साल और 232 दिन की उम्र में डेब्यू किया था.

हमने जब वैभव सूर्यवंशी के साथ मैच प्रैक्टिस करने वाले और रणजी ट्रॉफी में खेलने वाले कई खिलाड़ियों से संपर्क किया तो उन्होंने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि वैभव सूर्यवंशी ने अपना एज छुपाया है. उसे देखकर लगता है कि वह 16 से 17 साल का है. हालांकि वह अच्छा खेलता है उसमें कोई दो राय नहीं है. अब वास्तविकता क्या है यह तो जांच का विषय है।

वैभव सूर्यवंशी समस्तीपुर के ताजपुर के हैं। वह बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। एक साल में विभिन्न स्तर के मैचों में 49 शतक बना चुके हैं।पिता संजीव सूर्यवंशी ने बताया कि वैभव का जन्म 27 मार्च 2011 को हुआ था। इतनी कम उम्र में रणजी का मैच खेल रहा है, मुझे बहुत खुशी हो रही है। मैं चाहता हूं कि वह अच्छा खेलकर बिहार का नाम रोशन करे। मैं एक किसान हूं। शुरू से ही चाहता था कि मेरा बेटा एक क्रिकेटर बने। वैभव खाने के काफी शौकीन हैं।

वैभव ने बचपन से ही क्रिकेट में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी थी। शुरू से ही लेदर बॉल से प्रैक्टिस करता आया है। 5 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था।उनके पिता ने बताया कि घर पर ही 2 साल तक क्रिकेट खेलाते थे। वैभव में बचपन से ही सीखने की ललक थी, कुछ भी बताता तो एक बार में ही समझ जाता। इसी चीज को देखते हुए क्रिकेट में आगे बढ़ाया। सुबह स्कूल से आने के बाद थोड़ा देर रेस्ट करके, वह दिनभर प्रैक्टिस करता रहता था।

7 साल की उम्र में पिता समस्तीपुर के क्रिकेट एकेडमी में लेकर गए। वैभव ने यहां 3 साल तक खेला। फिर उनके पिता उन्हें पटना के संपतचक स्थित जेन एक्स क्रिकेट एकेडमी में लेकर आ गए।10 साल की उम्र में ही वैभव ने बड़े-बड़े मैच खेले और सीनियर मैच में रन बनाने भी शुरू कर दिए। उनके पिता ने कहा कि उसी मेहनत का परिणाम है कि वह आज बड़े-बड़े दिग्गज खिलाड़ियों के सामने खेल रहा है।

वैभव पिछले 1 साल में 49 शतक और 3 दोहरा शतक जमा चुके हैं। पिछले साल हुए हेमन ट्रॉफी के लीग और सुपर लीग में सबसे ज्यादा 670 रन बनाए। जिसमें तीन शतक और तीन अर्धशतक था। परफॉरमेंस को देखते हुए बीसीए के पदाधिकारियों ने वैभव को एक मौका दिया।

अक्टूबर 2023 में वीनू मांकड़ टूर्नामेंट के अंडर-19 में वैभव का सिलेक्शन हुआ। चंडीगढ़ में आयोजित टूर्नामेंट में बिहार की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाए। उन्होंने 393 रन बनाए, जिसमें एक शतक और तीन अर्धशतक था।इसके बाद वैभव को सीके नायडू ट्राफी के लिए बेंगलुरु भेज दिया गया। बेंगलुरु में ही उनका सिलेक्शन चैलेंजर ट्रॉफी के लिए हो गया। फिर वहीं से गुवाहाटी गए। इस खेल के बाद उनका सिलेक्शन अंडर-19 इंडिया के लिए हो गया।

आंध्र प्रदेश में हुए इस मैच में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 50 रन बनाए। अन्य टीमों के खिलाफ भी उनका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। फिर कूच बिहार ट्रॉफी के लिए जमशेदपुर भेज दिया गया, जहां उन्होंने मैच में शतक जड़ा। इसके बाद आज वह रणजी में खेल रहे हैं।


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