2024 चुनाव से पहले सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस के लिए क्या है मुश्किल, पढ़े पूरी रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के साथ ही विपक्षी धड़े वाले इंडिया गठबंधन ने भी तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि, 28 दलों वाले इंडिया गठबंधन में अभी सीटों के बंटवारे को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए कुछ राज्यों में इंडिया ब्लॉक के सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत शुरू कर दी है। अन्य दलों के साथ सीट-बंटवारे की बातचीत 28-पक्षीय विपक्षी समूह द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव में सामूहिक रूप से भाजपा से मुकाबला करने के निर्णय के बाद हुई है।
दिल्ली, पंजाब पर हुई चर्चा
कांग्रेस ने सीट-बंटवारे पर पार्टी की पांच सदस्यीय समिति बनाई है। इसमें संयोजक के रूप में मुकुल वासनिक और सदस्य के रूप में वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत और भूपेश बघेल शामिल हैं। ये लोग राज्य कांग्रेस अध्यक्षों के साथ आंतरिक परामर्श कर चुके हैं। इसके बाद यह समिति अपना निष्कर्ष पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपेगी। पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ सीट बंटवारे को लेकर औपचारिक बातचीत आज हुई।
बैठक में आम आदमी पार्टी की तरफ से मंत्री आतिशी और संदीप पाठक शामिल हुए। बैठक के बाद दोनों दल फिर से मीटिंग पर सहमत हुए। पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों की राज्य इकाइयां अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। वे कोई समझौता नहीं करना चाहती हैं। कांग्रेस विधायक सुखपाल खैरा के खिलाफ एक ताजा पुलिस मामले ने दोनों दलों के बीच फिर से विवाद पैदा कर दिया है।
बंगाल से लेकर केरल में क्या है चुनौती
कांग्रेस ने तमिलनाडु में द्रमुक, बिहार में राजद और जदयू, झारखंड में झामुमो और असम में अन्य के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन किया है, लेकिन प्रमुख राज्यों में कुछ मुख्य दलों के साथ उसका कोई गठबंधन नहीं है। इनमें से सबसे ज्यादा मुश्किल में केरल, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और पंजाब शामिल हैं। यहां इंडिया ब्लॉक के सहयोगियों के साथ सीट-बंटवारे की व्यवस्था की कठिनाई को पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने अच्छी तरह से स्वीकार किया है। बंगाल में टीएमसी और वामपंथी एक दूसरे के साथ कोई समझौता नहीं चाहते हैं। ऐसे में कांग्रेस को उनमें से एक को चुनना होगा।
टीएमसी नेताओं और कांग्रेस पीसीसी प्रमुख अधीर रंजन चौधरी के हालिया बयान भी बंगाल में टीएमसी और कांग्रेस के बीच संभावित साझेदारी के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। केरल से कांग्रेस के 20 में से 19 सांसद हैं। ऐसे में वाम दलों के साथ समझौता करना मुश्किल लगता है। अगर समझौता होता है तो कांग्रेस को अपने मौजूद सांसदों को बैठाना होगा। कांग्रेस की राज्य इकाई ने ऐसे किसी भी सीट बंटवारे का विरोध किया है.
बिहार को लेकर सीटों पर चर्चा
कांग्रेस ने बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड के साथ बातचीत की है। राज्य में राजद और जेडीयू बराबर-बराबर सीटों पर लड़ने पर सहमत हैं। इसके अलावा कांग्रेस और वाम दलों के लिए कुछ सीटें छोड़ी जाएंगी।सूत्रों के हवाले से खबर है कि राज्य की 40 सीटों में जेडीयू और आरजेडी 18-18, सीटों पर लड़ने को तैयार हैं। वहीं, बाकी की 4 सीटें कांग्रेस और वाम दलों के लिए छोड़ने की बात कही जा रही है। हालांकि, सीटों का आंकड़े पर आधिकारिक रूप से किसी भी सहयोगी की तरफ से अभी कुछ नहीं कहा गया है।
यूपी में मुश्किल लग रहा समझौता
यूपी में इंडिया गठबंधन के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच समझौते की राह अभी मुश्किल दिख रही है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच हालात ठीक नहीं लग रहे हैं। सपा के अखिलेश यादव हाल के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्हें कोई सीट नहीं दिए जाने और उनके खिलाफ कमल नाथ के बयानों से पार्टी से नाराज हैं। वहीं, मायावती पहले ही अलग चुनाव लड़ने का मन बना चुकी हैं। ऐसे में यूपी में विपक्षी एकता की बात दूर की कौड़ी लग रही है।
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