रामलला के दर्शन करने नेपाल से पैदल निकली ये टोली, भगवान के लिए ले जा रहे अनोखी सौगात
हम सभी जानते हैं कि 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा। इस शुभ दिन के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य समाप्ति की ओर है और मंदिर की प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर हैं। यह शुभ घटना 500 साल के लंबे इंतजार के बाद होगी। ऐसे में इसको लेकर पुरे देश भर में धूम है। इसी बीच नेपाल के वीरगंज से गुरुवार को 10 युवाओं की टोली पदयात्रा करते हुए रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का साक्षी बनने के लिए अयोध्या रवाना हुई।
जानकारी के अनुसार, ये लोग नेपाल वीरगंज से अयोध्या तक 350 किलोमीटर की दूरी युवा 10 दिनों में पूरी करेंगे। 21 जनवरी की शाम में अयोध्या पहुंचने की योजना है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद दर्शन-पूजन करेंगे। इस जत्थे में मुन्ना कुमार साह के नेतृत्व में सौरभ पटेल, रूपक यादव, पंकज पटेल, यश सर्राफ, सचिन कुमार साह, अमित तिवारी, चंदन वर्णवाल, कृष्ण मोहन साहनी, कृष्णा प्रसाद साह सहित 10 लोग शामिल हैं। ये सभी युवा राष्ट्रीय बजरंग दल (वीरगंज, परसा) के पदाधिकारी व सदस्य हैं। इस यात्रा को वीरगंज स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने लौरिया, कप्तानगंज, गोरखपुर, बस्ती होते अयोध्या जाने के लिए अनुमति दी गई है।
बताया जा रहा है कि, युवाओं की टोली को 10 किलो स्टील से बना धनुष-बाण सौंपते हुए कहा कि राष्ट्रीय बजरंग दल के ये युवा समाज को जोड़ने का काम कर रहे हैं। धनुष-बाण अयोध्या में राम मंदिर को सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि इसे पदयात्रा से भारत नेपाल के रिश्ते में प्रगाढ़ता लाएगी। कमेटी के सदस्य आशीष कुमार कौशिक ने बताया कि इसी धनुष बाण के कारण जनकपुर से रिश्ता जुड़ा और दुनिया में राम जानकी श्रद्धा का दूसरा नाम बना। इसलिए यह विशेष रूप से निर्मित सौगात भेंट करेंगे।
उधर, रक्सौल के एक साधु सेवक शिव नाथ भी इस पदयात्रा में अयोध्या के लिए रवाना हुए हैं। पदयात्रा पर निकले युवा नेपाल के राष्ट्रीय झंडा और जय श्रीराम अंकित ध्वज के साथ श्री गहवा माई मंदिर से निकलकर नगर परिक्रमा के बाद वीरगंज ड्राइपोर्ट सड़क मार्ग के रास्ते रक्सौल के सीमावर्ती ग्रामीण रास्ते से आगे निकले। इस दौरान जगह-जगह लोगों ने उनका स्वागत किया।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.