अंकलेश्वर के पुराने बोरभाठा बेट इलाके में रहने वाले किसान भीखाभाई चिमनभाई पटेल सर्दी के मौसम में हरी लहसुन की खेती कर रहे हैं और अच्छी पैदावार ले रहे हैं. भीखाभाई पटेल पिछले 25 वर्षों से खेती से जुड़े हैं. वह 59 वर्ष के हैं और 8वीं तक की पढ़ाई की है. वह एबीसी कंपनी में काम करने के साथ-साथ खेती भी करते थे. अब रिटायरमेंट के बाद वह पूरी तरह से खेती-किसानी से जुड़ गए हैं.

किसान भीखाभाई पटेल के परिवार वाले भी खेती में उनका सहयोग कर रहे हैं. भीखाभाई ने सौराष्ट्र इलाके के मोरवाली से 25 रुपये प्रति किलो के भाव से लहसुन के बीज खरीदे थे. उन्होंने अपनी दो विघा जमीन में 100 किलो हरा लहसुन का बीज लगाया है. हरी लहसुन की फसलें ठंडी और शुष्क जलवायु के लिए सबसे उपयुक्त होती हैं. लहसुन को शीतकालीन फसल के रूप में उगाया जाता है. हालांकि हरी लहसुन की फसल को आठ बार पानी देने की आवश्यकता होती है. इस प्रकार हरी लहसुन की फसल तैयार होने में 2 महीने का समय लगता है.

किसान भीखाभाई का कहना है कि लहसुन की फसल में मजदूरी लागत अधिक आती है. मजदूर लहसुन साफ ​​करके किसान को दे देते हैं. इसमें किसान को मजदूरी का खर्च एक हजार रुपये आता है. इसके अलावा रोपाई और कटाई समेत पूरी बुआई में करीब आठ से दस हजार रुपये का खर्च आता है. फिलहाल बाजार में 20 किलो लहसुन की कीमत 1600 से 1700 रुपये है. हरे लहसुन की खेती में भीखाभाई को 40 से 50 हजार रुपये की आय हो रही है.


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.