GayaBiharSuccess Story

BPSC परीक्षा में गया की अंजलि प्रभा को सातवां रैंक, M.Ed पास मां ने कहा- ‘मेरा त्याग हुआ सफल’

बिहार के गया की रहने वाली छात्रा अंजलि प्रभा ने बीपीएससी 68वीं की परीक्षा में सातवां रैंक हासिल किया है. सातवां रैंक लाकर शास्त्री नगर की रहने वाली अंजलि प्रभा ने अपने जिले का जहां नाम रोशन किया है, वहीं बेटी की सफलता से परिवार के लोग फूले नहीं समा रहे हैं. इस परिवार ने काफी लंबा संघर्ष देखा और अब अंजलि प्रभा सफलता के मुकाम पर पहुंची है।

गया की अंजलि बनी बीपीएससी की सातवीं टॉपर

हालांकि, अंजली का लक्ष्य यूपीएससी का भी है. वही, सफल छात्रा अंजलि प्रभा का जुनून था, कि वह पढ़ाई करती थी, तो महीनों तक अपने घर से बाहर नहीं निकलती थी. बाजार का मुंह तक नहीं देखती थी. इसी लगन ने अंजली को सफलता के मुकाम तक पहुंचाया. अंजलि ने बताया कि 67वीं बीपीएससी में भी मुझे सफलता मिली थी लेकिन उस वक्त 158 रैंक आया था।

इस बार सातवां रैंक मिलना मेरे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. मैंने अपनी बारहवीं तक की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय गया से ही किया है. ग्रेजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी के शहीन भगत सिंह इवनिंग कॉलेज से किया है. नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से मास्टर किया है. कोरोना रे बाद मैंने प्रतियोगिता की तैयारी शुरू की थी.”-अंजलि प्रभा, सातवीं टॉपर, बीपीएससी

शुरुआत से ही मेरी पढ़ाई अच्छी रही

अंजलि ने बताया कि बीपीएससी की तैयारी उन्होंने खुद से की थी. अपने कॉपी को इवैल्यूट भी मैं ही करती थी. शुरुआत से ही मेरी पढ़ाई अच्छी रही है. दसवीं में मुझे 10 जीपीएस मिला था. ग्रेजुएशन में अंजलि अपने बैच की टॉपर रह चुकी है।

यूपीएससी में अच्छा रैंक लाना मेरा सपना

मुझे आगे क्या करना है ये मुझे चौथी क्लास में ही समझ में आ गया था. बचपन से ही दिमाग में बैठ गया था कि यूपीएससी करके डीएम बन गए तो पावरफुल हो जाते हैं. उसी के प्रयास में जुट गई. उसी के हिसाब से मैंने सब प्लान किया. अभी जो पोस्ट मिला है मैं उससे खुश हैं. यूपीएससी में अच्छा रैंक लाना मेरा सपना है।

घरवालों में खुशी की लहर

अंजली प्रभा के पिता डॉ. ब्रह्मचारी अजय सरकारी शिक्षक हैं. मां नीलम कुमारी एमएड की डिग्री लिए हुए हैं. ये मूल रूप से अरवल जिले के दरियापुर के रहने वाले हैं. मां ने अपनी तीन बेटियों और अपने एक बेटे के करियर के लिए नौकरी नहीं की, जबकि वह आसानी से प्लस टू हाई स्कूल में सरकारी शिक्षिका बन सकती थी।

मैं सभी को धन्यवाद देता हूं. बेटी की सफलता पर गर्व महसूस हो रहा है. बेटी की सफलता से हम खुश हैं.”- डॉ. ब्रह्मचारी अजय, अंजलि प्रभा के पिता

“बेटी की सफलता से अच्छा लग रहा है. हर मां बाप को अपने बच्चों से काफी उम्मीद रहता है. बच्चे अच्छा काम करते हैं तो माता पिता को खुशी होती है. मैंने नौकरी नहीं की, ताकि बच्चे पढ़ सकें. “-नीलम कुमारी,अंजलि प्रभा की मां

12-12 घंटे पढ़ाई करती थी अंजलि

बीपीएससी 68वीं की परीक्षा में टॉप टेन रैंक में सातवां स्थान हासिल करने वाली गया की अंजली प्रभा के संघर्ष की कहानी प्रेरणा देने वाली है. अंजली अपने लक्ष्य को पाने के लिए 12 घंटे की पढ़ाई करती थी. अंजलि बीपीएससी की परीक्षा में बिहार में सातवां रैंक हासिल किया है. इसका श्रेय भगवान को देती हैं. अंजलि कहती है कि उसे जब भी मुश्किल होती थी, वह भगवान को याद कर लेती थी।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Sumit ZaaDav

Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी