NationalPolitics

सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस को राहत नहीं, जमा करने होंगे 1 करोड़ रुपये, जानें पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस को निर्देश दिया कि वह 1981 से 1989 तक राज्य में सत्तासीन रहने के दौरान राजनीतिक रैलियों और तत्कालीन प्रधानमंत्रियों- इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की यात्राओं में समर्थकों को लाने-ले जाने के लिए राज्य पथ परिवहन निगम की बसों और टैक्सियों के बकाये किराये के तौर पर 1 करोड़ रुपये जमा कराये। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (UPCC) की याचिका पर राज्य सरकार और उत्तर प्रदेश राज्य पथ परिवहन निगम (UPSRTC) को नोटिस जारी किए और पार्टी को चार सप्ताह के भीतर एक करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया।

कांगेस ने क्या दी दलील?

कांग्रेस की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि परिवहन निगम उच्च न्यायालय के निष्कर्षों को चुनौती दे रहा है, क्योंकि कुल 2.68 करोड़ रुपये की राशि विवादित है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ‘‘राशि का विरोध करने के लिए, यदि आप एक दीवानी मुकदमा दायर करते हैं, तो निर्णय में 20-30 साल लगेंगे। उसके बाद पहली अपील, दूसरी अपील और अन्य कार्यवाही होगी। इसके बजाय, हम याचिकाकर्ता की वास्तविक देनदारी निर्धारित करने के लिए एक मध्यस्थ नियुक्त करने के बारे में सोच रहे हैं।’’

खुर्शीद ने पीठ के सुझाव पर सहमति जताई। पीठ ने कहा कि प्रामाणिकता स्थापित करने के लिए वह प्रदेश कांग्रेस को कुल बकाया की एक निश्चित राशि जमा करने का निर्देश देगी। इसके साथ ही पीठ ने एक करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया। आदेश लिखे जाने के बाद खुर्शीद ने पीठ से जमा की जाने वाली राशि कम करने और चार सप्ताह की अवधि को और बढ़ाने का अनुरोध किया। पीठ ने कहा, ”शुरुआत में हम आधी राशि जमा करने का आदेश देने के बारे में सोच रहे थे, लेकिन फिर हमने सोचा कि एक करोड़ रुपये प्रामाणिकता स्थापित करने के लिए पर्याप्त होंगे।”

कांग्रेस ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को आदेश को दी थी चुनौती

प्रदेश कांग्रेस ने 1998 में दायर एक रिट याचिका के सिलसिले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के पांच अक्टूबर, 2023 के आदेश को चुनौती दी थी। प्रदेश कांग्रेस ने लखनऊ सदर के तहसीलदार द्वारा जारी वसूली नोटिस को चुनौती दी थी। यह कार्यवाही यूपीएसआरटीसी के प्रबंध निदेशक के कहने पर शुरू की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि प्रदेश कांग्रेस पर 2.68 करोड़ रुपये (2,68,29,879.78 रुपये) की राशि बकाया है और वह इसे वसूलने का हकदार है।

राजनीतिक प्रतिशोध के तौर पर वसूली जा रही रकम- कांग्रेस

हाईकोर्ट ने विभिन्न पत्राचार और बिलों का उल्लेख किया है और यूपीएसआरटीसी के दो अप्रैल, 1981 के एक पत्र का संज्ञान लिया है, जिसमें बताया गया है कि 16 फरवरी, 1981 को उत्तर प्रदेश कांग्रेस द्वारा आयोजित किसान रैली के लिए 6.21 लाख रुपये से अधिक का बिल बाकी था और इसी तरह 16 दिसंबर, 1984 के एक अन्य पत्राचार से पता चलता है कि 1984 में दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अस्थियों को 19 नवंबर को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों के आवागमन के वास्ते उपलब्ध कराये गये वाहन का किराया 8.69 लाख रुपये बाकी था। उच्च न्यायालय ने यूपीसीसी को निर्देश दिया था कि वह ‘यूपीएसआरटीसी’ को देय तिथि से पांच प्रतिशत ब्याज के साथ तीन महीने की अवधि के भीतर 2.66 करोड़ रुपये का पूरा भुगतान करे। कांग्रेस ने अपनी याचिका में कहा था कि यह रकम राजनीतिक प्रतिशोध के तौर पर और याचिकाकर्ता को राजनीतिक दबाव में लाने के इरादे से वसूली जा रही है।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी स्पैम कॉल : दूरसंचार कंपनियों ने 50 संस्थाओं को बैन किया, 2.75 लाख कनेक्शन काटे भागलपुर : युवक का अवैध हथियार लहराते फोटो वायरल भागलपुर में पार्षद नंदिकेश ने तुड़वाया वर्षों से बंद पड़े शौचालय का ताला ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से स्कूल परिसर में किया पौधारोपण CM नीतीश कुमार पहुंचे रोहतास