कुछ दिनों पहले तक मराठा आंदोलन कार्यकर्ताओं का गुस्सा झेल रहे महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के लिए नई समस्या खड़ी हो गई है। राज्य की आंगनबाड़ी सेविकाओं 4 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया था। हालांकि, अब मांगों को पूरा न होते देखकर आंगनबाड़ी सेविकाओं ने मंगलवार को नागपुर में जेल भरो आंदोलन शुरू किया है। नागपुर के वैरायटी चौक पर रास्ता रोक कर आंगनबाड़ी सेविकाओं ने विरोध प्रकट किया है।

क्या हैं प्रदर्शनकारियों की मांग?

महाराष्ट्र की लगभग 60000 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सेविकाएं राज्य सरकार से ग्रेच्युटी और उन्हें सरकारी कर्मचारियों की सूची में शामिल करने की मांग कर रही हैं। सेविकाओं द्वारा पहले की तरह पर्यवेक्षिका के पद पर पदोन्नति दी जाने की मांग समेत कई अन्य मांगे भी की जा रही हैं। अपनी मांगों को लेकर उन्होंने 4 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया था। सैकड़ों की संख्या में आंगनबाड़ी सेविकाएं मंगलवार को नागपुर के वैरायटी चौक पर एकत्र हुईं और वहां पर उन्होंने रास्ता रोको आंदोलन किया एवं अपनी गिरफ्तारी दी है।

अभी कितना वेतन मिलता है?

आंगनबाड़ी कर्मचारियों को 10000 रुपये का मानदेय मिलता है, जबकि सहायिकाओं को 5500 प्रति माह मिलता है। इन सभी की मांग है कि इन्हें आंगनबाड़ी सेविकाओं को 26000 रुपये प्रतिमाह दिया जाए। वहीं, सहायिकाओं को 20000 रुपये प्रतिमाह का भुगतान किया जाए। वहीं, प्रदर्शनकारियों की मांग है कि इन्हें सरकारी कर्मचारियों का दर्जा दिया जाए और सेवानिवृत्ति के बाद इन्हें पेंशन मिले।


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.