बिहार में सियासी उठापटक की खबरों के बीच लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने शनिवार (27 जनवरी) को बड़ी बैठक बुलाई. इसमें पार्टी के सभी 79 विधायक मौजूद हैं.

इस बीच सूत्रों ने बताया कि आरजेडी नीतीश सरकार से समर्थन वापसी की चिट्ठी राजभवन को दे सकती है. साथ ही सरकार बनाने का दावा भी पेश कर सकती है. आरजेडी का कहना है कि वह राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है, ऐसे में उसे सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए.

हालांकि सूत्रों का यह भी कहना है कि आरजेडी नीतीश कुमार के अगले कदम को लेकर भी इंतजार कर रही है. बता दें कि आरजेडी और उसके सहयोगियों के पास फिलहाल बहुमत का आंकड़ा नहीं है. पार्टी ने जेडीयू के असंतुष्ट विधायकों से भी संपर्क साधा है.

मांझी से बीजेपी नेता की मुलाकात

सूत्रों का कहना है कि आरजेडी ने जीतन राम मांझी से संपर्क साधा है और उन्हें समर्थन के बदले सीएम बनने का ऑफर दिया. इन खबरों के बीच आज बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने जीतन राम मांझी से मुलाकात की. इससे पहले गुरुवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता नित्यानंद राय ने मांझी से मुलाकात की थी.

बिहार में सरकार बनाने के लिए किसी भी एक पार्टी को 122 विधायकों की जरूरत होती है. यहां फिलहाल सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी है. बीजेपी के 78, जेडीयू के 45 और हम के चार विधायक हैं. इन तीनों दलों के विधायकों की कुल संख्या 127 है. अगर जीतन राम मांझी की पार्टी आरजेडी का ऑफर मान लेती है तो नीतीश कुमार के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है.

वहीं आरजेडी खेमें में 115 विधायक हैं. आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19, सीपीआई (एमएल) के 12, सीपीएम के 2, सीपीआई के दो और एआईएमआईएम के एक विधायक हैं.


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