भाजपा के बाद 13 पार्षदों के साथ आदमी पार्टी चंडीगढ़ नगर निगम में दूसरी स्थान पर पहुंची।वहीं कांग्रेस के सात पार्षद के साथ तीसरे स्थान पर है।

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जीत मिली है. भाजपा संख्याबल के लिहाज से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से पीछे थी. मगर 20 पार्षदों वाला गठबंधन मेयर चुनाव में पराजित हो गया. 16 वोट के साथ मनोज सोनकर चुनावी बाजी जीतकर चंडीगढ़ शहर के अगले मेयर निर्वाचित हो चुके हैं. चंडीगढ़ मेयर चुनाव के परिणाम के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों ने बवाल शुरू कर दिया. चंडीगढ़ नगर निगम में भाजपा के 14 पार्षद हैं. संख्याबल के हिसाब से देखा जाए तो भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है. भाजपा के बाद 13 पार्षदों के साथ आदमी पार्टी चंडीगढ़ नगर निगम में दूसरी स्थान पर पहुंची. वहीं कांग्रेस के सात पार्षद के साथ तीसरे स्थान पर है।

शिरोमणि अकाली दल के पास एक पार्षद है.आपको बता दें कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में स्थानीय सांसद को भी वोट करने अधिकार है. चंडीगढ़ से भाजपा की किरण खेर सांसद हैं. अगर उनके वोट को भी जोड़ लिया जाए तो भाजपा की संख्या 15 पहुंच जाती है. वहीं अगर विपक्ष की बात करें तो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की ताकत 20 पार्षदों की है।

19 वोट के आंकड़े तक पहुंचना जरूरी था

चंडीगढ़ नगर निगम में टोटल 35 पार्षद हैं. इसमें एक सांसद का वोट है. कुल 36 वोट वाले मेयर चुनाव में जीत सुनिश्चित करने को लेकर 19 वोट के आंकड़े तक पहुंचना जरूरी था. भाजपा के पास उसके अपने पार्षदों, सांसद मिलाकर संख्याबल 15 वोट तक का था. शिरोमणि अकाली दल के एकमात्र पार्षद के वोट को भी काउंट कर लिया जाए तो बीजेपी का वोट 16 तक पहुंच जाता।

वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के 13 और कांग्रेस के सात मिलाकर वोटों की संख्या 20 तक पहुंच जाती है. दोनों दलों ने जब साझा उम्मीदवार उतारा. यह तय कि गठबंधन की ही जीत होगी. मगर जब परिणाम सामने आए तो भाजपा को जीत मिली।

कैसे बिगड़ा गठबंधन का गणित

मेयर चुनने को लेकर सभी 35 पार्षदों और सांसद किरण खेर ने वोट डाले थे. मतदान के बाद गिनती आरंभ हुई. भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में 16 वोट पड़े थे. शिरोमणि अकाली दल के एकमात्र पार्षद का मत जोड़ इतनी ही संख्याबल होनी थी. इसी तरह से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के टोल वोट को जोड़कर 20 मतदान पड़े।

मगर हुआ ये कि कांग्रेस-AAP उम्मीदवार के पक्ष में पड़े 20 में से आठ वोट कैसिलड हो गए. गठबंधने के आठ वोट रिजेक्ट हो गए. इसके बाद दोनों दलों के साझा उम्मीदवार की संख्या 12 पहुंच गई. वहीं भाजपा उम्मीदवार मनोज सोनकर के पक्ष में 16 वोट पड़े थे. वोटों की गिनती के बाद भाजपा के उम्मीवादवार के विजयी होने का ऐलान किया गया।

चुनाव में धांधली का आरोप

इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए अदालत जाने की घोषणा की है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में दिन-दहाड़े जिस तरह से बेईमानी की गई है. यह बेहद चिंताजनक है. इस दैरान चंडीगढ़ नगर निगम की पार्षद प्रेमलता ने हाईकोर्ट जाने की घोषणा की है।


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