LAC के पास चीनी सैनिकों से हुई भारतीय चरवाहों की भिड़ंत, जानें विदेश मंत्रालय ने क्या कहा
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीनी सैनिकों ने फिर भारत से पंगा मोल ले लिया है। इस बार चीन की पीएलए आर्मी ने कुछ भारतीय चरवाहों से उलझ गए। चीनी सैनिकों से भारतीय चरवाहों का सामना होने के कुछ दिनों बाद विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को अपना बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष पारंपरिक चरागाह क्षेत्रों से अवगत हैं और गतिरोध की किसी भी घटना से मौजूदा तंत्र के तहत निपटा जाता है। पिछले महीने पूर्वी लद्दाख में चुशुल के दक्षिण स्थित एक क्षेत्र में चीनी सैनिकों द्वारा चरवाहों को कथित तौर पर रोक दिया गया था।
चुशुल के एक काउंसलर ने स्थानीय लोगों द्वारा शूट किया गया घटना का कथित वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया। घटना के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में पारंपरिक चरागाह क्षेत्रों से अवगत हैं। गतिरोध की किसी भी घटना से उचित पारंपरिक तंत्र के माध्यम से निपटा जाता है।’’ भारतीय और चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले कुछ स्थानों पर तीन साल से अधिक समय से टकराव की स्थिति में हैं। दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी कर ली है।
भारत-चीन संबंधों में 3 वर्षों से चल रहा तनाव
पिछले 3 वर्षों से भारत-चीन के संबंधों में तनाव चल रहा है। भारत कहता रहा है कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते। हाल में काबुल में तालिबान द्वारा आयोजित एक क्षेत्रीय सम्मेलन में भारत की भागीदारी को लेकर एक सवाल पर जायसवाल ने कहा कि इसे अफगान लोगों के साथ भारत की दीर्घकालिक दोस्ती के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम अफगानिस्तान पर क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रारूपों में कई बैठकों में भाग लेते रहे हैं।’’ जायसवाल ने कहा, ‘‘हाल में, हमने काबुल में एक क्षेत्रीय बैठक में भी भाग लिया, जहां हमारी तकनीकी टीम के प्रमुख ने शिरकत की। उन्होंने बैठक को अफगान लोगों के साथ भारत की दीर्घकालिक मित्रता और देश में हमारे द्वारा की जा रही मानवीय सहायता से अवगत कराया। विशेष बैठक को उस विशेष संदर्भ में देखा जाना चाहिए।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.