दृष्टिबाधित लोगों को मुफ्त मानव सहायता प्रदान करे रेलवे: हाईकोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को ट्रेन से यात्रा करने वाले दृष्टिबाधितों की सुविधा को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्देश दिया है। कोर्ट ने रेलवे को दृष्टिबाधितों को बड़े स्टेशनों पर मुफ्त मानव सहायता प्रदान करने को कहा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अगुवाई वाली एक बेंच रेलयात्रा को दिव्यांगों के अनुकूल बनाने के विषय पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। बेंच ने रेलवे को अपनी तरफ से या CSR (कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी) पहल के माध्यम से यह सुविधा प्रदान करने पर विचार करने को कहा।
‘दृष्टिबाधितों को मुफ्त एस्कॉर्ट की सुविधा नहीं है’
कोर्ट की मदद के लिए अदालत मित्र के रूप में पेश वरिष्ठ वकील एस. के. रूंगटा ने अदालत को बताया कि रेलवे ने स्टेशनों पर व्हीलचेयर प्रदान किये हैं लेकिन उसने दृष्टिबाधितों को मुफ्त एस्कॉर्ट या सहायक देने से इनकार कर दिया है।
रूंगटा ने कोर्ट से इस मुद्दे पर निर्णय लेने का आग्रह किया। जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत पी. एस. अरोड़ा की बेंच ने सरकारी वकील से कहा, ‘इतनी ज्यादा बेरोजगारी है। सहायक व्हीलचेयर चलायेंगे। (यदि पैसे की दिक्कत है तो) आप कुछ CSR पहल शुरू कर सकते हैं।’
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.