भारतीय नौसेना में शामिल हुआ देश का पहला सर्वे पोत INS Sandhayak
देश का पहला और सबसे बड़ा सर्वे पोत INS Sandhayak शनिवार को औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल हुआ। इससे आत्मनिर्भरता के साथ भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ेगी। नौसेना को समुद्री आंकड़ों के विश्लेषण में सहायता मिलेगी।
इस जहाज का काम सुरक्षित समुद्री नौपरिवहन को सक्षम करना है। इसके लिए ये बंदरगाहों, नौवहन चैनलों, मार्गों, तटीय क्षेत्रों और गहरे समुद्रों का बड़े पैमाने पर हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करेगा। इसके अलावा जहाज कई प्रकार के नौसैनिक अभियानों को अंजाम देने में सक्षम है।
भारतीय नौसेना इतनी मजबूत हो गई है कि..
विशाखापत्तनम के नौसेना डाकयार्ड में आयोजित कार्यक्रम में मौजूद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर मैं अपनी नौसैनिक ताकत की बात करूं, तो भारतीय नौसेना इतनी मजबूत हो गई है कि हिंद महासागर और हिंद प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा के मामले में हम पहले जवाब देने वाले बन गए हैं।
वैश्विक व्यापार की बात करें तो हिंद महासागर को वैसे भी हॉटस्पाट के तौर पर गिना जाता है। अदन की खाड़ी, गिनी की खाड़ी आदि कई चोक प्वाइंट हिंद महासागर में हैं, जिसके जरिए से बड़ी मात्रा में अंतरराष्ट्रीय व्यापार होता है। इन चोक प्वाइंट्स पर कई खतरे बने हुए हैं। लेकिन सबसे बड़ा खतरा समुद्री डाकुओं का है। सिंह ने चेतावनी दी कि समुद्री डकैती और तस्करी में शामिल लोगों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
नौसेना ने अलग-अलग रेंज के अत्याधुनिक प्लेटफार्म को लांच किए
इस मौके पर एडमिरल हरि कुमार ने कहा कि पिछले एक दशक में नौसेना ने अलग-अलग रेंज के अत्याधुनिक प्लेटफार्म को लांच किए हैं, चाहे वह शक्तिशाली विमानवाहक पोत विक्रांत हो, विशाखापत्तनम क्लास का डेस्ट्रोयर हो, बहुमुखी श्रेणी के फ्रिगेट, कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियां हों या गोताखोरी के लिए विशेष जहाज हो, हम उभरते हुए भारत की सेवा में एक संतुलित और आत्मनिर्भर बल का निर्माण कर रहे हैं।
आखिरी तीन युद्धपोत और पनडुब्बियां पिछले दस वर्षों में नौसेना में शामिल किए गए हैं। वे सभी भारत में बनाए गए हैं और सन्धायक भारत में बनने वाला 34वां पोत है। नौसेना के मुताबिक, कोलकाता के मैसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स में चार बड़े सर्वेक्षण पोत निर्माणाधीन हैं। यह उनमें पहला है। आइएनएस सन्धायक का बंदरगाह और समुद्र दोनों में परीक्षण किया गया था। इसके बाद चार दिसंबर को इसे नौसेना को सौंप दिया गया था।
अत्याधुनिक उपकरणों से लैस INS Sandhayak
आइएनएस सन्धायक अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक उपकरणों से लैस है। जिसमें गहरे पानी के मल्टीबीम इको-साउंडर्स, पानी के नीचे चलने वाले वाहन, दूर से संचालित होने वाले वाहन, उपग्रह आधारित स्थिति निर्धारण प्रणाली शामिल हैं। जहाज की आधारशिला 12 मार्च, 2019 को रखी गई थी और जहाज को पांच दिसंबर, 2021 को लांच किया गया था।
यह बंदरगाह और समुद्र में कई परीक्षण से गुजर चुका है। इसके बाद इसे चालू किया गया। जहाज का विस्थापन 3,400 टन और कुल लंबाई 110 मीटर और बीम 16 मीटर है. इस परियोजना का संचालन भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा किया गया है।
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