बिहार की सियासत में परिवारवाद को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. बता दें कि बिहार में परिवारवाद पर तंज वाले बयान के साथ ही सत्ता परिवर्तन का खेल शुरू हुआ था और देखते-देखते महागठबंधन से जेडीयू की टूट के साथ एनडीए की सरकार बन गई. अब परिवारवाद के मामले पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भाजपा और राष्ट्रीय जनता दल दोनों को कटघरे में खड़ा किया है।

‘आरजेडी और बीजेपी दोनों परिवारवाद के पोषक’

जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि दोनों ही दल परिवार वाद के पोषक हैं. परिवारवाद देश और बिहार में कोढ़ के तौर पर लोकतंत्र को खोखला कर रहा है. परिवारवाद आज की परेशानी नहीं है. अगर समाज को याद होगा तो 1975 में जय प्रकाश नारायण का जो आंदोलन था, उसमें परिवारवाद सबसे बड़ा मुद्दा था. आज इससे कोई पार्टी अछूती नहीं है।

ऐसा नहीं है कि ये RJD में हो रहा है या कांग्रेस में हो रहा है. आप भाजपा को देख लीजिए मौजूदा उपमुख्यमंत्री हैं, सम्राट चौधरी इनके पिताजी कांग्रेस में विधायक मंत्री थे. उसके बाद लालू जी का दौर आया तो उसमें विधायक और मंत्री बने, नीतीश कुमार का दौर आया तो उसमें विधायक-मंत्री बने, मांझी जी का का दौर आया तो उसमें विधायक मंत्री बने.”- प्रशांत किशोर, संयोजक जन सुराज

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पर साधा निशाना

प्रशांत किशोर ने कहा कि आज भाजपा को अपना नेतृत्व बनाना है, तो उसी परिवार के कड़ी से बैठा कर किसी को उन्होंने बनाया है. बिहार में पिछले 30 साल में जितने लोग यहां MP, MLA बने हैं, चाहे जिस दल से बने हो सब की सूची अगर आप बनाइएगा, तो आपको पता चलेगा कि साढ़े बारह सौ परिवार के लोग ही MP, MLA बने हैं. परिवारवाद का ये असर है. आप पार्टियों से इसे मत देखिये, जो जिस पार्टी का दौर होता है, उसी परिवार के लोग उसमें घुस जाते हैं।


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