भारत ने गैस और ऊर्जा की कमी को दूर करने के लिए मंगोलिया में बड़ी तेल रिफायनरी बना रहा है। यह रिफायनरी अगले 2 वर्ष में चालू हो जाएगी। भारत और मंगोलिया दोनों ही देशों को इस रिफायनरी का बड़ा फायदा होगा। इससे भारत को गैसोलीन से लेकर तरल पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति हो सकेगी। भारत में मंगोलिया के राजदूत डैम्बाजाव गैनबोल्ड ने कहा है कि दक्षिण गोबी में भारत की सहायता से तैयार हो रही तेल रिफाइनरी परियोजना सही दिशा में आगे बढ़ रही है और यह 2026 तक चालू हो जाएगी। उन्होंने हालांकि रिफाइनरी संयंत्र के लिए उत्पादों की आपूर्ति में भारत की ओर से कुछ देरी की बात स्वीकार की।
मंगोलिया के अनुसार ‘‘बेशक, उत्पादों की आपूर्ति में भारत की ओर से कुछ देरी हुई है, लेकिन कुल मिलाकर परियोजना अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है। यह शीघ्र ही चालू होने वाली है।’’ गैनबोल्ड ने कहा कि यह परियोजना दोनों देशों के संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है और इसके पूरा होने का बेसब्री से इंतजार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 2015 में मंगोलिया यात्रा के दौरान इस परियोजना की घोषणा हुई थी। इसके लिए भारत 1.2 अरब डॉलर की ऋण सहायता दे रहा है।
कोविड के चलते प्रोजेक्ट में हुआ विलंब
गत वर्षों में कोरोना होने के चलते रिफाइनरी के निर्माण में देरी हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘रिफाइनरी परियोजना पर काम अच्छा चल रहा है। कोविड के कारण इसमें डेढ़ साल की देरी हुई है। हमारा मानना है कि यह 2026 तक चालू हो जाएगी।’’ रिफाइनरी का लक्ष्य रूस से तेल आयात पर मंगोलिया की निर्भरता को कम करना है।
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