बिहार में नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा को लेकर शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है. शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने जानाकारी देते हुए कहा है कि सीएम नीतीश की सहमति के बाद नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा अब 5 बार होगी. इसके लिए तीन बार ऑनलाइन परीक्षा ली जाएगी और फिर 2 बार ऑफ लाइन एग्जाम का प्रावधान होगा. गौरतलब है कि नियोजित शिक्षक लंबे समय से लिखित परीक्षा की मांग कर रहे थे।

विजय चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री की सहमति के बाद यह फैसला लिया गया है. हम लोगों की मंशा यही है कि जो नियोजित शिक्षक हैं वह सरकारी हो जाएं. मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि नियोजित शिक्षक एक परीक्षा देकर सरकारी हो जाएंगे और ऑनलाइन परीक्षा लेने का फैसला सरकार ने लिया था. नियोजित शिक्षकों की तरफ से कठिनाई बताई गई और उनकी कठिनाई को देखते हुए अब दो बार ऑफलाइन परीक्षा भी ली जा रही है।

बता दें कि पिछले दिनों पटना में नियोजित शिक्षकों ने धरना दिया था. जिसके बाद डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के आश्वासन के बाद धरना खत्म हो गया था. आश्वसन के कुछ ही घंटों बाद शिक्षा विभाग की ओर से नया दिशा निर्देश जारी कर दिया गया. नियोजित शिक्षकों की मांग है कि बिना सक्षमता परीक्षा के ही उनको राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए. इससे पहले सरकार ने तीन अटेम्ट में परीक्षा पास करने का टास्क दिया था।

सक्षमता परीक्षा को लेकर नियोजित शिक्षक लगातार लिखित परीक्षा की मांग कर रहे थे. उन्होंने ऑनलाइन परीक्षा को लेकर कुछ व्यावहारिक तर्क भी दिए और कहा कि ज्यादातर शिक्षक कंप्यूटर चलाने में पारंगत नहीं है. ऐसे में उन्हें ऑफलाइन माध्यम से परीक्षा का अवसर दिया जाए. सरकार के इस फैसले से लिखित परीक्षा देने की भी एक तरह से राहत मिल गई है।


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