अयोध्या के राम मंदिर में करोड़ों का चढ़ावा, पैसे गिनने के लिए लगाई मशीनें
भक्तों की आपार भक्ति को देखते हुए राम मंदिर ट्रस्ट सोने और चांदी से बनी सामग्री,आभूषण,बर्तन और दान को स्वीकार कर रहा है।
अयोध्या में रामलला के दर्शन को लेकर हजारों श्रद्धालु यहां पर पहुंच रहे हैं. यहां के नवनिर्मित राम मंदिर में 22 जनवरी को हुई प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक माह में 25 किलोग्राम सोने, चांदी के आभूषण लगभग 25 करोड़ रुपये की राशि का चेक, ड्राफ्ट और मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय में जमा हैं. इसमें दान पेटी में जमा नकदी भी शामिल है. राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि हमें ट्रस्ट के बैंक खातों में ऑनलाइन माध्यम से भेजे गए धन के बारे में अधिक जानकारी नहीं है. गुप्ता का कहना है कि 23 जनवरी से अब तक करीब 60 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं।
गुप्ता के अनुसार, राम भक्तोंं की भक्ति ऐसी है कि वे रामलला के लिए चांदी और सोने से बनी वस्तुएं दान दे रहे हैं. इनका उपयोग श्री राम जन्मभूमि मंदिर में नहीं हो सकता है. इसके बाद भी भक्तों की आपार भक्ति को देखते हुए राम मंदिर ट्रस्ट सोने और चांदी से बनी सामग्री, आभूषण, बर्तन और दान को स्वीकार कर रहा है।
50 लाख भक्तों के अयोध्या में आने की संभवना
मंदिर ट्रस्ट को रामनवमी उत्सव को लेकर दान में बढ़ोतरी की उम्मीद है. एक अनुमान के अनुसार, इस दौरान करीब 50 लाख भक्तों के अयोध्या में आने की संभवना है. गुप्ता के मुताबिक, ऐसी उम्मीद है कि रामनवमी के वक्त चंदे के रूप में बड़ी मात्रा में नकदी मिल सकती है. इसके मद्देनजर भारतीय स्टेट बैंक ने राम जन्मभूमि पर चार पैसे गिनने वाली मशीनों को लगाया है।
एक दर्जन कम्प्यूटरीकृत काउंटर तैयार किए
उन्होंने बताया कि ट्रस्ट ने रसीद जारी करने के लिए एक दर्जन कम्प्यूटरीकृत काउंटर तैयार किए हैं. राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से मंदिर परिसर में कई और दान पेटियों को भी रखा जा रहा है. गुप्ता के अनुसार, जल्द ही राम मंदिर परिसर के अंदर एक कक्ष तैयार किया जाएगा, जिसमें सिर्फ पैसों की गणना हो सकेगी।
मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा के अनुसार, रामलला को उपहार के रूप में मिले सोने-चांदी के आभूषणों और बहुमूल्य सामग्रियों का मूल्यांकन किया जा रहा है. इन्हें पिघलाने और रख-रखाव की जिम्मेदारी भारत सरकार टकसाल को सौंपी गई है।
भारतीय स्टेट बैंक और ट्रस्ट के बीच एक समझौता ज्ञापन
मिश्रा के अनुसार, इसके साथ ही भारतीय स्टेट बैंक और ट्रस्ट के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इसके तहत स्टेट बैंक दान, चेक, ड्राफ्ट और नकदी एकत्र करने और इसे बैंक में जमा करने की पूरी जिम्मेदारी लेने वाला है. मिश्रा के अनुसार, स्टेट बैंक की टीम ने कर्मियों की टीम की संख्या को बढ़ाकर अपना काम आरंभ कर दिया है. रोजाना दो पालियों में दान की गई नकदी की गिनती हो रही है।
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