WTO की बैठक में भारत खाद्य सुरक्षा के लिए खाद्यान्नों के सार्वजनिक भंडारण और मछुआरों तथा किसानों के हितों की रक्षा के स्थायी समाधान पर जोर देगा। विश्व व्यापार संगठन की मंत्रिस्तरीय बैठक मंगलवार से शुरू हो रही है। भारत बैठक में निवेश सुविधा समझौते के लिए चीन की अगुवाई वाले प्रस्ताव का कड़ा विरोध भी करेगा। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल कर रहे हैं। चार दिन का 13वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी13) 26 फरवरी को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अबू धाबी में शुरू होगा।

इन वैश्विक संकट पर होगी चर्चा

डब्ल्यूटीओ के 164 सदस्य देशों के व्यापार मंत्री लाल सागर संकट, यूक्रेन-रूस युद्ध और इजराइल-हमास संघर्ष के कारण अनिश्चित वैश्विक आर्थिक हालात की पृष्ठभूमि में बैठक कर रहे हैं। भारत बैठक में अपने हितों के मुद्दों को पूरी ताकत के साथ उठाएगा। इन मुद्दों में खाद्य सुरक्षा, कृषि सुधार, मत्स्य पालन सब्सिडी, विवाद निपटान और डब्ल्यूटीओ सुधार शामिल हैं। भारत खाद्य सुरक्षा के लिए अपने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कार्यक्रम से जुड़े मुद्दे का स्थायी समाधान चाहता है।

इन मुद्दों पर है तकरार

सार्वजनिक भंडारण (पीएसएच) कार्यक्रम एक नीतिगत पहल है, जिसके तहत सरकार किसानों से एमएसपी पर चावल और गेहूं जैसी फसलें खरीदती है, और गरीबों को खाद्यान्न का वितरण करती है। दूसरी ओर कृषि पर डब्ल्यूटीओ का समझौता एमएसपी पर खाद्यान्न खरीदने की सरकार की क्षमता को सीमित करता है। इस मुद्दे के समाधान के तहत भारत ने खाद्य सब्सिडी सीमा की गणना करने वाले फॉर्मूले में संशोधन जैसे उपाय करने को कहा है।


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