गांधी मैदान में आज होने वाली जन विश्वास रैली पर सियासत शुरू है. जदयू ने महागठबंधन को जन विश्वास रैली से पहले सलाह दी है. जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि महागठबंधन के लोगों को जन विश्वास यात्रा या जन विश्वास रैली के आयोजन के बजाय इस बात पर शोध करना चाहिए कि उनके विधायकों का विश्वास भी उनकी पार्टी या गठबंधन के साथ क्यों नहीं है ?

‘ढ़ोंग है जन विश्वास रैली, भाड़े की भीड़ आएगी’: जदयू प्रवक्ता ने कहा कि लगातार राजद और कांग्रेस के विधायक उनका साथ छोड़कर एनडीए में शामिल हो रहे हैं. इस जन विश्वास यात्रा या जन विश्वास रैली के नाम पर राजनीतिक नौटंकी होगी, भाड़े की भीड़ जुटाई जाएगी और उद्घोष का नाटक किया जाएगा।

वंशवाद और भ्रष्टाचार का लगाया आरोप: अभिषेक झा ने कहा कि महागठबंधन के लोगों को यदि जनता का विश्वास जीतना होता तो जनता के इस सवाल का जवाब देते कि परिवारवाद और वंशवाद के पोषक होने के साथ-साथ यह लोग भ्रष्टाचार में ऊपर से नीचे तक क्यों संलिप्त हैं ? ऐसी क्या तरकीब होगी, जिससे उनके अंदर का भ्रष्टाचार समाप्त हो जाए ताकि जनता का विश्वास उनके साथ आ पाए।

“ऐसी पार्टियां लाख कोशिश कर लें, लेकिन जनता का विश्वास नहीं जीत सकती हैं. जनता को उनके राजनीतिक आचरण के हिसाब से इस बात का विश्वास है कि ऐसी पार्टियां जब भी सत्ता में आएंगी, जनता के पैसों का दोहन करके भ्रष्टाचार में संलिप्त रहेंगी.”- अभिषेक झा, प्रवक्ता, जदयू

जन विश्वास रैली का आयोजन: आज बिहार में महागठबंधन की जन विश्वास रैली है. पटना के गांधी मैदान में आरजेडी, कांग्रेस, वामदलों के कार्यकर्ता और शीर्ष नेतृत्व रैली में शामिल हो रहा है. खुद लालू यादव, राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और डी राजा समेत वाम दल के नेता शामिल हो रहे हैं. इसी को लेकर लगातार सत्ता पक्ष हमलावर है।


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