मोदी की गारंटी या तेजस्वी के रोजगार का दांव, लोकसभा चुनाव में किस पर वोट करेगा बिहार
पटनाः एक सप्ताह के अंदर पीएम के दो दौरों और पटना के गांधी मैदान में संपन्न हुई महागठबंधन की जन विश्वास रैली ने बिहार का चुनावी तापमान बढ़ा दिया है. अपने दौरों पर पीएम ने राज्य को कई बड़ी परियोजनाओं की सौगात देकर साबित करने की कोशिश की कि मोदी यानी विकास की गारंटी. वहीं जन विश्वास रैली में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने अपने 17 महीने के कार्यकाल में रिकॉर्ड संख्या में रोजगार देने का दावा किया. ऐसे में माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान कम से कम बिहार में दो ही बातों की चर्चा है- मोदी की गारंटी और तेजस्वी का रोजगार।
“पिछले 10 सालों में मोदी ने पूरे किये कई वादे”: BJP के नेताओं को इस बात पर गर्व है कि पीएम मोदी ने जो देशवासियों से वादे किए थे उन्हें पिछले 10 सालों में पूरा किया है. बिहार BJP के वरिष्ठ नेता मनीष पांडेय का कहना है कि “2024 के चुनाव में मोदी की बिहार के लोगों के सामने सबसे बड़ी गारंटी होगी कि यहां जंगलराज नहीं वापस आएगा. मोदी की सबसे बड़ी गारंटी है महिलाओं के सम्मान की गारंटी.”
“बिहार के लोगों के लिए मोदी जी ने अनेक सौगात दी. बिहार के लोगों के लिये जर्जर हो चुके गाँधी सेतु तय समय से पहले पूरा करके दिया.गंगा नदी पर 3 बड़े पुल का निर्माण हो रहा है. गरीबों के लिए अगले 5 साल तक मुफ्त राशन उपलब्ध होंगे. बिहार के हर घर में बिजली पहुँच चुकी है.दर्जन भर NH की सड़कों का निर्माण हो रहा है. इसके अलावा बिहटा और दरभंगा में एयरपोर्ट, दरभंगा में एम्स, बरौनी में खाद कारखाने का उद्घाटन बड़ी उपलब्धि है” मनीष पांडेय, बीजेपी नेता
आरजेडी को मोदी गारंटी पर विश्वास नहींः बीजेपी को मोदी सरकार की उपलब्धियों पर गर्व है तो आरजेडी को मोदी की गांरटी पर भरोसा नहीं है. आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद का आरोप है कि “हर साल 2 करोड़ नौकरी देने, लोगों के खाते में 15-15 लाख रुपये आने के मोदीके वादे जुमले निकले. ऐसे में बिहार के लोगों को मोदी की गारंटी पर कोई भरोसा नहीं है.”
“बिहार को तेजस्वी पर भरोसा”: आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद का दावा है कि “अब बिहार के लोगों को तेजस्वी की गारंटी पर भरोसा हो चुका है.अपने 17 महीने के कार्यकाल में तेजस्वी यादव ने 4 लाख लोगों को नौकरी दी. बिहार के लोगों को लगने लगा है कि तेजस्वी यादव जो वादा करते हैं वो पूरा करते हैं. तेजस्वी यादव को यदि मौका मिलता तो उन्होंने जो 10 लाख लोगों को नौकरी देने का वादा किया था वह पूरा कर देते. 2024 के चुनाव के परिणाम में इसका असर देखने को मिलेगा”
क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषकः राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लोकसभा का चुनाव केंद्र सरकार के लिए होता है, इसलिए लोग केंद्र सरकार को विकास की कसौटी पर कसते हैं और उसी के आधार पर वोटिंग करते हैं. बिहार की जनता भी केंद्र सरकार के किए कामों के आधार पर वोट करेगी,हां ये जरूर है कि कई बार स्थानीय मुद्दे भी बड़ी भूमिका निभाते हैं।
‘मोदी की गांरटी भुनाने में बीजेपी दिख रही है कामयाब”: वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडेय का कहना है कि “पिछले 10 साल में नरेन्द्र मोदी की सरकार ने ऐसे कई काम किए हैं जिस पर जनता को भरोसा हुआ है. बीजेपी लोगों को बताने में कामयाब होती दिख रही है कि उनकी सरकार ने धारा 370 खत्म की, राममंदिर का निर्माण हुआ. इसके अलावा केंद्र की अनेक कल्याणकारी योजनाओं का भी लाभ लोगों तक पहुंच रहा है.तय समय में परियोजनाओं के पूरे होने से सरकार की छवि मजबूत हुई है.”
“विधानसभा की तैयारी कर रहे हैं तेजस्वी”:तेजस्वी के रोजगार वाले दांव पर अरुण पांडेय का कहना है कि “2024 के बहाने तेजस्वी बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं. आरजेडी के पास 2024 के चुनाव में खोने के लिए कुछ नहीं है. क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में उनका खाता तक नहीं खुला था.तेजस्वी यादव के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी कि वो अपनी पार्टी का प्रदर्शन 2024 के लोकसभा चुनाव में किस तरीके से बेहतर कर सकें?”i
दिलचस्प होगा मुकाबलाः 28 जनवरी के पहले यानी जबतक नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार चल रही थी तबतक बिहार में NDA के सामने बड़ी चुनौती थी लेकिन नीतीश के पाला बदलने के बाद निश्चित रूप से बिहार में NDA मजबूत दिख रहा है. इसके अलावा आरजेडी और कांग्रेस के कई विधायक भी पाला बदलकर बीजेपी और जेडीयू में जा चुके हैं. ऐसे में हो सकता है कि बिहार में भी मोदी की गारंटी,तेजस्वी के रोजगार पर भारी पड़ जाए।
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