‘मैं पास नहीं हुई तो मेरी…’ इंटर छात्रा की कॉपी पढ़कर आप माथा पकड़ लेंगे
जमुईः इंटर की परीक्षा खत्म होने के बाद अब उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन चल रहा है. इस दौरान कुछ छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं में लिखे जवाब ने परीक्षकों को होश उड़ा दिये. कई छात्रों ने प्रश्नों के सही उत्तर लिखने की बजाय अनाप-शनाप बातें तो लिख ही डाली हैं ऊपर से 80 फीसदी से ज्यादा मार्क्स देने की भी गुजारिश की है।
सही उत्तर लिखने की बजाय लिखी घर की समस्याः जमुई के केकेएम कॉलेज में इंटर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के दौरान ऐसी कई कॉपियां मिली हैं, जिनमें छात्रों ने प्रश्नों का सही उत्तर देने की बजाय अपने घर की समस्या के बारे में लिखा है और परीक्षकों से 80 अंक देने का आग्रह किया है. ऐसे उत्तर देखकर परीक्षक काफी परेशान नजर आ रहे हैं।
एक छात्रा ने लिखा-गरीबी के कारण नहीं पढ़ पाईः एक छात्रा ने अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखा कि वो गरीब है और बीमार भी है, जिससे वो पढ़ नहीं पाई है. वहीं दूसरी छात्रा ने अपनी घर की समस्या को बताते हुए लिखा है कि उसकी ”घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. मां भी अक्सर बीमार रहती है जिसके कारण परीक्षा की तैयारी ठीक से नहीं कर पाई.” छात्रा ने 80 अंक देने की प्रार्थना की है ताकि वो परीक्षा में पास कर जाए।
कई ने लिखीं प्रेम कहानियांः वहीं कई छात्रों ने प्रश्नों के सही उत्तर देने की जगह प्रेम कहानियां लिखी हैं. कुछ ने तो कई अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया है. जाहिर है ऐसे उत्तर देखकर परीक्षक काफी परेशान है और असमंजस में हैं कि आखिर इनका क्या किया जाए, परीक्षकों का कहना है कि ”अधिकतर छात्रों ने सभी प्रश्नों के सही जबाव दिए हैं और उसके अनुसार उन्हें अंक भी दिए जा रहे हैं.”
“वो तो बच्चे लिखते ही हैं कि सर प्लीज हमें पास कर दीजिएगा. किसी कारण से हम नहीं पढ़ पाए, कुछ बच्चे लिखते हैं. एकाध सौ कापी में एक-दो मिल जाते हैं, लेकिन ज्यादातर ठीक ही हैं.रिजल्ट और बेहतर करने के लिए उनको और बेहतर पढ़ना चाहिए. हमलोग जो कॉपी जांचते हैं कुछ बच्चे तो इतना अच्छा लिखते हैं कि हमलोग सोचते हैं कि कितना नंबर दें. व्यवस्था सुधरी है और उम्मीद है कि बच्चे आगे और अच्छा करेंगे.” डॉ. अजय कुमार, परीक्षक
हर साल आते हैं ऐसे मामलेः ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि छात्रों ने ऐसे अनाप-शनाप उत्तर लिखे हैं. देखने में आया है कि हर साल ही कुछ छात्र जो पढ़ाई में लापरवाही करते हैं परीक्षा के समय ऐसे बहाने बनाते नजर आते हैं. पिछले कुछ सालों के दौरान बिहार की शिक्षा-व्यवस्था सवालों के घेरे में रही है, बावजूद इसके कई छात्रों ने काफी अच्छे अंक लाकर परिवार और समाज को गौरव प्रदान किया है।
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