बुधवार सुबह जापान का एक रॉकेट लॉन्चिंग के तुरंत बाद हादसे का शिकार हो गया।लॉन्चिंग के बाद रॉकेट में धमाका हुआ और उसमें आग लग गई।

वैश्विक स्तर में अपने व्यापारिक अंतरिक्ष कार्यक्रम को बढ़ाने की जापान की कोशिश को बुधवार को बड़ा झटका लगा. दरअसल, एक निजी कंपनी स्पेस वन के पहले रॉकेट में लॉन्चिग के तुरंत ब्लास्ट हो गया. ये घटना कंपनी के साथ-साथ जापान के लिए भी बड़ा झटका है. क्योंकि जापान को इसके पहला निजी उद्यम बनने की उम्मीद थी. रॉकेट की लॉन्चिंग के एक लाइव प्रसारण में धमाके के बाद सफेद धुएं के विशाल बादलों में रॉकेट को देखा गया।

उड़ान भरने के पांच सेकंड बाद रॉकेट में विस्फोट हो गया. उसके बाद उसमें आग लगी और उसका मलबा आसपास के पहाड़ी इलाके में फैल गया. सामने आई कुछ तस्वीरों और वीडियो में पहाड़ पर आग भड़कती हुई देखी गई. जिसपर फायर फाइटर्स काबू पाते देखे गए।

अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक, रॉकेट के मध्य भाग में धमाका हुआ. वहीं स्पेस वन ने कहा है कि उड़ान को जानबूझकर समाप्त किया गया. रॉकेट की विफलता के बाद आए एक बयान में कहा गया, “मध्य-उड़ान समाप्ति प्रक्रिया को अंजाम दिया गया. हम स्थिति पर गौर कर रहे हैं.” बता दें कि इस रॉकेट की लंबाई 18 मीटर थी. जो 23 टन वजनी कैरोस रॉकेट 100 किलोग्राम वजन वाले एक छोटे खुफिया सैटेलाइट को लेकर जा रहा था. जिसे पृथ्वी की सतह से लगभग 500 किमी ऊपर कक्षा में स्थापित करने का इरादा था।

जापान की निजी कंपनी है स्पेस वन

बता दें कि जापान की निजी कंपनी स्पेस वन की स्थापना 2018 में की गई थी. कंपनी का लक्ष्य 20 वार्षिक लॉन्च के साथ कम लागत वाली, त्वरित प्रतिक्रिया वाली वाणिज्यिक लॉन्च सेवा बनना है. इसका लक्ष्य ऑर्डर और लॉन्च के बीच सबसे कम समय के साथ दुनिया की सबसे लगातार लॉन्च सेवा प्रदान करना है।

स्पेस वन ने एक बयान में कहा कि तीन चरणों वाला रॉकेट 150 किलोग्राम पेलोड को सूर्य-तुल्यकालिक कक्षा में या 250 किलोग्राम पेलोड को कम पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करने में सक्षम है. इसमें तीन ठोस-ईंधन चरणों के अलावा, रॉकेट में पेलोड को अधिक सटीक रूप से अपने प्रक्षेपवक्र में इंजेक्ट करने के लिए एक अतिरिक्त तरल ईंधन ‘किक चरण’ होता है।


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.