2024 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद की दो बेटियां चुनाव मैदान में उतर सकती हैं. मीसा भारती के जहां पाटलिपुत्र से आरजेडी कैंडिडेट के रूप में चुनाव लड़ने की चर्चा है तो रोहिणी आचार्य सारण लोकसभा सीट से चुनाव में उतर सकती है. ऐसे में परिवारवाद का मुद्दा एक बार फिर हावी है. इस मुद्दे को लेकर जन सुराज यात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने सभी सियासी दलों को आड़े हाथों लिया।
प्रशांत किशोर ने कहा कि परिवारवाद एक ऐसा कोढ़ है जो पूरे देश और बिहार में लोकतंत्र को खोखला कर रहा है. ये आज की परेशानी नहीं है, बल्कि 1975 के जेपी आंदोलन में भी परिवारवाद ही सबसे बड़ा मुद्दा था. ऐसा नहीं है कि परिवारवाद सिर्फ आरजेडी या फिर कांग्रेस में हो रहा है. सच तो ये है कि आज इससे कोई भी पार्टी अछूती नहीं है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि आप बीजेपी को देख लीजिए मौजूदा उपमुख्यमंत्री हैं सम्राट चौधरी. इनके पिताजी कांग्रेस में विधायक-मंत्री थे, उसके बाद लालू जी का दौर आया तो उसमें विधायक-मंत्री बने, नीतीश कुमार का दौर आया तो उसमें विधायक-मंत्री बने, मांझी जी का का दौर आया तो उसमें विधायक-मंत्री बने।
प्रशांत किशोर ने कहा कि सियासत में परिवारवाद की जड़ें कितनी गहरी हैं वो इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिहार के साढ़े 3 करोड़ परिवार में से सिर्फ साढ़े 12 सौ परिवार ही ऐसे हैं. जिन परिवारों से सांसद-विधायक और मंत्री बने हैं. मुझे ऐसा लगता है कि ये लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ी चुनौती है और इससे कोई दल अछूता नहीं है।
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