“चुनाव से पहले कितने लोगों को जेल होगी?”, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ये बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यूट्यूबर सत्ताई दुरईमुरुगन की जमानत बहाल कर दी। दुरईमुरुगन पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर अपमानजनक टिप्पणियों वाले वीडियो पोस्ट करने का आरोप है। हाई कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत रद्द किए जाने के बाद दुरईमुरुगन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए कहा कि अगर चुनाव से पहले हम यूट्यूब पर आरोप लगाने वाले सभी लोगों को सलाखों के पीछे डालना शुरू कर देते हैं, तो कल्पना करें कि कितने लोग जेल जाएंगे?
प्रारंभिक निर्णय को किया बहाल
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि दुरईमुरुगन विरोध या विचारों की अभिव्यक्ति के माध्यम से अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग किए बिना ढाई साल से अधिक समय से जमानत पर थे। पीठ ने दुरईमुरुगन की जमानत रद्द करने के हाई कोर्ट के आदेश को निर्णायक रूप से रद्द कर दिया और इसे देने के प्रारंभिक निर्णय को बहाल कर दिया।
जमानत रद्द करने का विकल्प उपलब्ध
सुप्रीम कोर्ट ने कहा हमें जमानत रद्द करने का कोई आधार नहीं मिला। इस तरह जमानत देने से इनकार करने वाले हाई कोर्ट के आदेश को रद्द करते हैं और जमानत देने के पहले के आदेश को बहाल करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि भविष्य की परिस्थितियों में ऐसी कार्रवाई की आवश्यकता होती है, तो जमानत रद्द करने का विकल्प उपलब्ध रहता है।
2022 में हाई कोर्ट ने जमानत रद्द कर दी
बता दें कि नवंबर 2021 में मद्रास हाई कोर्ट ने सत्ताई दुरईमुरुगन को जमानत दे दी थी। जून 2022 में मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने यूट्यूबर को दी गई जमानत रद्द कर दी थी। उन्होंने अदालत को दिए गए एक वचन का उल्लंघन करते हुए एमके स्टालिन के खिलाफ कुछ अपमानजनक टिप्पणियां की थीं। इसके बाद सत्ताई ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.