ऐसा लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के अंदर बिहार के एक बड़े नेता की ओर से बगावत के संकेत मिल रहे हैं. इस बार बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री और बक्सर से मौजूदा सांसद अश्विनी कुमार चौबे को टिकट नहीं दिया है.
टिकट नहीं मिलने के बाद अश्विनी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इस वीडियो से कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. अश्विनी चौबे के इस बयान को बागी होने का एक संकेत माना जा रहा है.
वीडियो में अश्विनी चौबे ने कहा कि नामांकन अभी बाकी है और अभी बहुत कुछ होना बाकी है. उन्होंने कहा कि कुछ साजिशकर्ता भी हैं, जो चुनाव के बाद बेनकाब हो जायेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि वह बक्सर में ही रहेंगे. इसके बाद चौबे ने कहा कि जो भी होगा शुभ होगा.
दिल्ली से पटना पहुंचने के बाद अश्विनी चौबे सीधे जेपी आवास चरखा समिति पहुंचे. यहां उन्होंने जयप्रकाश नारायण को नमन किया. इसके बाद अपने कुछ समर्थकों के साथ एक बैठक की. इस बैठक में कुमरार के बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा भी शामिल थे.
अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए अश्विनी चौबे ने कहा कि कुछ साजिश करता है जिनके साजिश का खुलासा चुनाव के बाद होगा, चिंता करने जैसी कोई बात नहीं है नामांकन अभी बाकी है और बक्सर में मैं ही रहूंगा, लोग कह रहे हैं कि मेरा उत्तराधिकार है लेकिन मेरा उत्तराधिकारी कोई नहीं है मैं खुद हूं.
बता दें कि बीजेपी ने अश्विनी चौबे को टिकट देने से इनकार कर दिया है. उनकी जगह उन्होंने इस सीट से मिथिलेश तिवारी को टिकट दिया है, जो गोपालगंज जिले से हैं. विपक्षी महागठबंधन से यह सीट राष्ट्रीय जनता दल की झोली में चली गई है. इस सीट से राजद ने बिहार के पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है.
बक्सर सीट से आनंद मिश्रा भी मैदान में हैं, जिन्होंने कम उम्र में ही आईपीएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा है. टिकट कटने के बाद से ही अश्विनी चौबे की नाराजगी की खबरें सामने आने लगी थीं. अश्विनी चौबे बिहार की बक्सर सीट से बीजेपी के टिकट पर दो बार चुनाव जीत चुके हैं. इस बार भी उन्हें उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें मौका देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
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