रामनवमी के अवसर पर दोपहर 12 बजे जब श्रीराम का जन्म होगा तो उस समय उनके माथे पर सूर्य तिलक चमकेगा।इस नजारे को देखने के लिए लाखों राम भक्त पहुंचे हैं।इस अभिषेक को वैज्ञानिक फॉर्मूले के तहत किया जाएगा।
अयोध्या में रामनवमी के पावन मौके पर विशाल राममंदिर में श्री रामलाला का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. इस अवसर पर राम भक्तों को एक अद्भुत नाजारा देखने को मिलेगा. इस बार के जन्मोत्सव की प्रक्रिया अविस्मरणीय रहने वाली है. रामलला के अभिषेक की तैयारियां जोरशार से हो रही है. रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे जब श्रीराम का जन्म होगा तो उसी के बाद उनके माथे पर सूर्य किरण दिखाई देगी. भगवान राम का सूर्य अभिषेक वैज्ञानिक फॉर्मूले के तहत होगा. वैज्ञानिकों ने इस पर शोध किया था. बीते दिनों ट्रायल भी देखने को मिला. अब रामनवमी के दिन जब भगवान राम का जन्मदिन मनाया जाएगा तो उस दौरान उनके माथे पर सूर्य तिलक किया जाएगा. इसकी साक्षी पूरी दुनिया होगी. घर बैठे राम भक्त इसके दर्शन टीवी पर कर सकेंगे।
कैसे बनेगा सूर्य तिलक
रामनवमी के दिन सूरज की रोशनी को डायवर्ट करके सूर्य तिलक तैयार किया जाएगा. सूर्य की रोशनी को तीसरे तल पर लगे एक दर्पण पर पड़ेगी. यहां से ये परावर्तित होकर पीतल की पाइप में प्रवेश करेगी. पीतल के पाइप में लगे दूसरे दर्पण में टकराकर 90 डिग्री ये परावर्तित हो जाएगी. किरणे पीतल की पाइप से होते हुए तीन अलग-अलग लेंस से होकर निकलेंगी. लंबे पाइप के गर्भ गृह वाले सिर पर लगे शिशे से ये टकराएंगीं. गर्भगृह में लगे शिशे से टकराने के बाद किरणें सीधे रामलला के ललाट पर 75 मिलीमीटर का गोलाकार तिलक बनाएगी. ये निरंतर 4 मिनट तक चमकता रहेगा।
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