कौन है कामी रीता, जिसने 54 की उम्र में 30वीं बार फतह किया माउंट एवरेस्ट
नेपाल के कामी रीता शेरपा ने फिर बनाया माउंट एवरेस्ट फतह करने का रिकॉर्ड, जानें कहां से मिला ये हुनर
दुनिया की सबसे ऊंची चोटी कहे जाने वाले माउंट एवरेस्ट पर जाना ही पर्वतारोहियों का सबसे बड़ा सपना होता है. फिर इसे फतह करने की खुशी का तो कहना ही क्या. लेकिन क्या आप जानते हैं के एक पर्वतारोही ऐसा भी है जिसने माउंट एवरेस्ट को फतह करने में अपने रिकॉर्डों को कई बार तोड़ा है. जी हां हम बात कर रहे हैं नेपाल के कामी रीता की. माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई मानों इनके लिए किसी बच्चे की खेल की तरह है. जिसे कामी जब चाहे तब फतह कर लेते हैं. खास बात यह है कि वह 54 वर्ष के हैं और उम्र के इस पड़ाव में भी उन्होंने 30वीं बार एरवेस्ट की चोटी चढ़ी है. आइए जानते हैं कौन हैं कामी रीता, जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर एक के बाद एक कई रिकॉर्ड बना डाले।
एवरेस्ट मैन के नाम से मशहूर
जब हम कुछ कर गुजरने की ठान लेते हैं तो मुश्किलें हमारे सामने बौनी हो जाती है. ऐसे ही जज्बे की मिसाल हैं नेपाल के एवरेस्ट मैन के नाम से मशहूर कामी रीता शेरपा. जिन्होंने दुनिया के सामने ऐसा उदाहरण पेश किया है जो नाउम्मीद लोगों को उम्मीदों से भर देगा. शेरपा ने 22 मई की सुबह एक बार फिर माउंट एवरेस्ट को फतह किया है. ऐसा उन्होंने एक दो नहीं बल्कि 30वीं बार किया है।
शेरपा की उम्र 54 वर्ष है और वह अब तक कई बार माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने का रिकॉर्ड बना चुके हैं. कामी रीता ने 1994 में पहली बार 24 वर्ष की उम्र में एवरेस्ट की चोटी पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी. अपने इस कारनामे ने शेरपा के हौसले को मजबूती दी और उन्होंने इसके बाद कई बार एवरेस्ट को फतह कर डाला।
1 हफ्ते में फतह कर लेते हैं एवरेस्ट
एवरेस्ट मैन के नाम से पहचाने जाने वाले शेरपा की काबलियत और उनका जुनून है कि वह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी में शुमार एवरेस्ट महज एक हफ्ते में ही फतह कर लेते हैं, बीते हफ्ते ही उन्होंने ये कारनामा 29वीं बार किया था और अब 30वीं बार सात दिन के अंदर ही उन्होंने इसे फिर कर डाला।
एवरेस्ट के अलावा यहां भी चढ़ाई कर चुके
कामी रीता शेरपा ने सिर्फ माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई नहीं की बल्कि उन्होंने माउंट के2, माउंट ल्होत्से, माउंट मनास्लू और माउंट चो ओयू को भी फतह किया है।
2018 में बनाया बड़ा रिकॉर्ड
एवरेस्ट मैन यानी शेरपा का जन्म नेपाल में ही वर्ष 1970 में हुआ था. उन्होंने वर्ष 2018 में माउंट एवरेस्ट के शिखर को छुआ. ये उनका बड़ा रिकॉर्ड था. हालांकि उन्हें पहाड़ों को फतह करने का हुनर विरासत में मिला है. उनके पिता गाइड का काम करते थे और पहाड़ों को नापने में उन्हें महारत हासिल थी. कामी के पिता ने भी 17 बार माउंट एवरेस्ट की चोटी फतह की थी।
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