ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने के लिए अब नहीं देनी होगी RTO की सरकारी टेस्टिंग, एक जून से जारी हो रहा है नियम
भारत में ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने के लिए कितनी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यह किसी से छिपा नहीं है। आवेदक को कई फॉर्म भरने होते हैं और कई प्राधिकरणों से संपर्क करना होता है। ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया की ये जटिलताएं भी सिस्टम में भ्रष्टाचार के दायरे को बढ़ावा देती हैं। इन परेशानियों को देखते हुए अब सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारत में नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। जो ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने की प्रक्रिया को काफी सरल कर देंगे। यह नए नियम एक जून से देश भर में लागू होंगे।
नए नियम के मुताबिक अब आप किसी प्राइवेट इंस्टीटयूट में जाकर भी ड्राइविंग का टेस्ट दे सकते हैं.लेकिन इसके लिए आपको इस बात का ध्यान रखना है कि यह नियम सभी ड्राइविंग स्कूल और प्राइवेट इंस्टीटयूट पर लागू नहीं होता. इसके लिए RTO द्वारा मान्यता प्राप्त ड्राइविंग स्कूल से ही ड्राइविंग टेस्ट पास कर सकते हैं. तभी आपको ड्राइविंग लाइसेंस मिलेगा।
नए नियमों के मुताबिक इन शर्तों को पूरी करना होगा
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जारी किए गए नए नियमों के अनुसार सिर्फ वही ट्रेनिंग सेंटर और ड्राइविंग स्कूल मान्य होंगे जो कम से कम 1 एकड़ की जमीन पर बने होंगे. इसके साथ ही इंस्टिट्यूट में जो ट्रेनर ड्राइविंग की ट्रेनिंग देंगे. उनके पास कम से कम हाई स्कूल डिप्लोमा या उसके बराबर की डिग्री होना भी अनिवार्य है. इसके साथ ही ट्रेनर को कम से कम 5 साल का ड्राइविंग एक्सपीरियंस होना जरूरी है।
तो वहीं ट्रेनर को फंडामेंटल बायोमेट्रिक और आईटी सिस्टम के बारे में भी पता होना चाहिए. हल्के वाहनों को लेकर ट्रेनिंग का समय 4 हफ्ते और 29 घंटे तय किया है. तो वही भारी वाहनों के लिए इसके लिए मिनिमम 38 घंटे जरूरी है. जिनमें 8 घंटे की थ्योरी क्लासेस भी शामिल हैं।
सड़क परिवहन ने नियमों में किये यह प्रमुख बदलाव
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भारत में ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने के लिए नए नियमों का ऐलान किया है। 1 जून से नियमों में होने वाले प्रमुख बदलाव ये हैं –
आवेदकों के पास अपने नजदीकी केंद्र पर ड्राइविंग टेस्ट देने का ऑपशन होगा। न कि मौजूदा प्रथा के मुताबिक, संबंधित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में परीक्षा देने का। सरकार निजी क्षेत्र के उन संस्थानों को प्रमाणपत्र जारी करेगी जो ड्राइविंग टेस्ट आयोजित करने के लिए अधिकृत होंगे।
बिना वैध लाइसेंस के वाहन चलाने का जुर्माना अब सख्त कर दिया गया है. जिसमें 1,000 रुपये से 2,000 रुपये तक का जुर्माना शामिल है। इसके अलावा, यदि किसी नाबालिग को वाहन चलाते हुए पाया जाता है। तो उसके माता-पिता के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। और 25,000 रुपये का भारी जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही वाहन का पंजीकरण प्रमाणपत्र भी रद्द कर दिया जाएगा।
ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने के लिए जरूरी दस्तावेजों को भी विशिष्ट आवश्यकताओं के साथ सुव्यवस्थित किया गया है। इसका मतलब है कि मंत्रालय आवेदकों को पहले से सूचित करेगा कि जिस तरह का लाइसेंस वे हासिल करना चाहते हैं, उसके लिए किन विशिष्ट दस्तावेजों की जरूरत है।
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन प्रक्रिया पहले की तरह ही रहेगी। आवेदक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट – https://parivahan.gov.in/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं। हालांकि, वे मैनुअल प्रक्रिया के जरिए आवेदन जमा करने के लिए अपने संबंधित आरटीओ पर भी जा सकते हैं।
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