BiharElectionPolitics

लोकसभा चुनाव के छठे चरण में बिहार की दो सीटों पर त्रिकोणीय लड़ाई, 6 सीटों पर आमने-सामने की भिड़ंत में एनडीए की प्रतिष्ठा दांव पर

लोकसभा चुनाव की घोषणा के पहले ही भाजपा ने ‘अबकी बार 400 पार’ का नारा देकर अपने सियासी अभियान की शुरुआत की. इसमें बिहार की 40 सीटें बेहद अहम हैं क्योंकि 400 का दस फीसदी यानी 40 सीट बिहार में है. पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए को बिहार में 39 सीटों पर जीत मिली थी. ऐसे में इस बार भी वही करिश्मा दोहराने की हसरत है. इसमें पांच चरणों के चुनाव में 24 सीटों पर मतदान हो चूका है जबकि 25 मई को छठे चरण में 8 सीटों पर वोटिंग होगी. हालांकि छठे चरण में जहां चुनाव होना है उसमें कई सीटों पर मामला रोचक होता प्रतीत हो रहा है. वाल्मीकिनगर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, वैशाली, गोपालगंज, सिवान, महाराजगंज में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

त्रिकोणीय जंग में वाल्मीकि नगर : वैसे तो चुनावी समर में कई उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. लेकिन, ज्यादातर सीटों पर मुकाबला आमने-सामने का ही है. इसमें वाल्मीकि नगर में जरुर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बन रहे हैं. यहाँ राजद के उम्मीदवार दीपक यादव हैं. वहीं जदयू ने मौजूदा सांसद सुनील कुमार कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है. इन दोनों के अलावा असम के कोकराझार से दो बार के सांसद और उल्फा के पूर्व कमांडर नबा कुमार सरानिया उर्फ हीरा सरानिया भी असम से चुनाव लड़ने वाल्मिकीनगर आए हैं. ऐसे में पिछले चुनाव में मात्र 22 हजार वोटों के अंतर से चुनाव जीतने वाले सुनील कुमार को त्रिकोणीय मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है।

सीवान में बड़ा पेंच : 1990 के दशक से शहाबुद्दीन के सियासी पकड़ का केंद्र रहा सीवान भी इस बार त्रिकोणीय मुकाबले का गवाह बना हुआ है. यहाँ एक ओर जदयू ने विजय लक्ष्मी को उम्मीदवार बनाया है जो एक बाहुबली की पत्नी है. वहीं दूसरी ओर राजद से अवध बिहारी चौधरी उम्मीदवार हैं. इन दोनों के बीच निर्दलीय ही चुनाव मैदान में ताल ठोक रही हिना साहेब अपने पति शहाबुद्दीन के नाम के भरोसे चुनाव मैदान में है. हिना की कोशिश मुस्लिम मतदाताओं के साथ ही सवर्णों और अन्य वर्गो को अपने साथ लाना है. इसके लिए वह चुनाव प्रचार में भी उसी अनुरूप जोर लगाते दिखी है. सिवान में वर्चस्व की जंग में त्रिकोणीय मुकाबले ने काफी रोचक संघर्ष बना लिया है।

भूमिहार-राजपूत में सीधी जंग : महाराजगंज और वैशाली इस बार के चुनाव में राजपूतों और भूमिहारों के बीच आमने सामने की जंग का सियासी मैदान बन गया है. दरअसल, महाराजगंज में जनार्दन सिंह सिग्रीवाल लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने भाजपा के टिकट पर उतरे हैं. वहीं कांग्रेस ने आकाश सिंह को उम्मीदवार बना दिया है. आकाश बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश सिंह की बेटे हैं. सिग्रीवाल के राजपूत और आकाश के भूमिहार होने से यहां मुकाबले में दोनों जातियों की गोलबंदी अहम हो गई है. अब तक दोनों ही जातियां बड़े स्तर एनडीए का साथ देते रही थी लेकिन इस बार जातियों के आधार पर वोटरों का दो भागों में बंटना मुकाबले को रोचक बनाए है. यही स्थिति वैशाली में है. राजद ने बाहुबली मुन्ना शुक्ला को उम्मीदवार बनाया है जो भूमिहार हैं. वहीं लोजपा (रामविलास) के टिकट पर राजपूत जाति से आने वाली वीणा देवी फिर से सांसद बनने को किस्मत आजमा रही हैं. दोनों अपनी अपनी जातियों को गोलबंद पर उनके भरोसे मजबूत वोट बैंक बनाने की कोशिश में है।

सियासी जमीन मजबूत करेंगे आनंद मोहन:  शिवहर में अपनी खोई सियासी जमीन मजबूत करने के लिए आनंद मोहन जुटे हैं. उनकी पत्नी लवली आनंद जदयू की प्रत्याशी हैं. सन 90 के दशक में अपने बाहुबल और सियासी पकड़ के कारण सुर्खियाँ बटोरने वाले आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद भी इसी इलाके से विधायक हैं. ऐसे में इस बार लवली आनंद को जीत दिलाने की कोशिश में पिता-पुत्र लगातार प्रयासरत हैं. हालाँकि उनका मुकाबला राजद की रितु जायसवाल से है जो अत्यंत जुझारू मानी जाती है. लगातार रितु ने पूरे इलाके में अपने पक्ष में माहौल बनाने की भरपूर कोशिश की है. साथ ही मजबूती से चुनावी जंग में उतरी हुई है।

जीत का चौका लगाने की चाहत : जीत का चौका लगाने की हसरत से लगातार चौथी बार पश्चिम चंपारण के चुनावी रण में उतरे भाजपा के संजय जायसवाल प्रतिष्ठा की लड़ाई लड़ रहे हैं. उनके मुकाबले में कांग्रेस के मदन मोहन तिवारी हैं जो ब्राह्मण जाति से आते हैं. ऐसे में ब्राह्मण वोटों के मजबूत साथ से पिछले तीन चुनावों में बड़ी जीत हासिल करने वाले संजय जायसवाल इस बार जातीय चक्रव्यूह को भेदने की चुनौती भी झेल रहे हैं. मदन मोहन तिवारी के ब्राह्मण जाति से होने के कारण उनके साथ ब्राह्मणों का बड़ा वोट शिफ्ट होने की उम्मीद है. वहीं यादव और मुस्लिम गठजोड़ का बड़ा साथ भी मिल सकती है. साथ ही तिवारी की नजर अन्य सवर्ण वोटरों को गोलबंद करने पर है. अगर तिवारी इसमें सफल हुए तो यह संजय जायसवाल को बड़ा झटका होगा।

सातवीं बार संसद बनने की कोशिश : पूर्वी चंपारण यानी मोतिहारी में भी वर्ष 2009 से ही भाजपा के राधा मोहन सिंह जीत हासिल कर रहे हैं. वे जीत का चौका लगाना चाहते हैं. उनके मुकाबले में महागठबंधन से वीआईपी के राजेश कुमार हैं. विधायक से सांसद बनने का सफर तय करने निकले राजेश को दिग्गज नेता से चुनौती लेनी पड़ रही है. ऐसे में अगर राधा मोहन को सफलता हाथ लगी तो वह सातवीं बार लोकसभा चुनाव जीतने का रिकॉड बनायेंगे. गोपालगंज में जदयू के निवर्तमान सांसद डॉ. आलोक कुमार सुमन और वीआईपी के चंचल पासवान के बीच सीधा मुकाबला है. दोनों ओर से जातियों को साधने की कोशिश ही सबसे मजबूत सियासी समीकरण है।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी स्पैम कॉल : दूरसंचार कंपनियों ने 50 संस्थाओं को बैन किया, 2.75 लाख कनेक्शन काटे भागलपुर : युवक का अवैध हथियार लहराते फोटो वायरल भागलपुर में पार्षद नंदिकेश ने तुड़वाया वर्षों से बंद पड़े शौचालय का ताला ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से स्कूल परिसर में किया पौधारोपण CM नीतीश कुमार पहुंचे रोहतास