दार्जिलिंग की साध्वी ने भागलपुर की दो बहनों पर 25 लाख धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया
भागलपुर। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग की साध्वी गोमा कुमारी शर्मा ने भीखनपुर की भावना कुमारी और उसकी बहन अनामिका कुमारी पर बीमारी के नाम पर 25 लाख रुपये धोखाधड़ी का आरोप लगा केस दर्ज कराया है।
पीड़िता वर्तमान में गुवाहाटी में रहती है। उन्होंने पुलिस को बताया है कि दोनों बहनों ने अपना दुख सुनाया उसके बाद उनके बैंक खातों में पैसे भेजे लेकिन मुझे एक लाख ही दोनों ने लौटाया।
रुपये की धोखाधड़ी के मामलों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए, क्योंकि ये आर्थिक नुकसान और मानसिक तनाव का कारण बन सकते हैं। यदि आपको या किसी अन्य को धोखाधड़ी का सामना करना पड़ा है, तो निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- तुरंत पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराएं:
- स्थानीय पुलिस स्टेशन में जाकर एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज करें।
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साइबर धोखाधड़ी के मामले में, साइबर पुलिस स्टेशन में भी रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकती है।
- बैंक और वित्तीय संस्थानों को सूचित करें:
- यदि धोखाधड़ी बैंक खातों या क्रेडिट/डेबिट कार्ड से संबंधित है, तो तुरंत अपने बैंक या संबंधित वित्तीय संस्था को सूचित करें।
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अपने खातों को अस्थायी रूप से फ्रीज कराएं और आवश्यक सुरक्षा उपाय करें।
- साक्ष्य एकत्र करें:
- धोखाधड़ी से संबंधित सभी दस्तावेज, ईमेल, संदेश, और कॉल रिकॉर्ड सुरक्षित रखें।
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जितना संभव हो सके, धोखाधड़ी की सभी गतिविधियों का रिकॉर्ड रखें।
- साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल:
- यदि यह ऑनलाइन धोखाधड़ी है, तो भारत सरकार के साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज करें।
- कानूनी सलाह लें:
- किसी वकील से परामर्श करें जो धोखाधड़ी मामलों में विशेषज्ञता रखता हो। वे आपको कानूनी प्रक्रिया और आपके अधिकारों के बारे में सलाह दे सकते हैं।
- ग्राहक सुरक्षा और उपभोक्ता फोरम:
- यदि धोखाधड़ी किसी सेवा या उत्पाद से संबंधित है, तो आप उपभोक्ता फोरम या ग्राहक सुरक्षा संगठनों से संपर्क कर सकते हैं।
- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI):
- बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले में, आप आरबीआई से भी शिकायत कर सकते हैं।
- अन्य संबंधित एजेंसियां:
- यदि मामला जालसाजी या वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित है, तो आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offenses Wing) और अन्य संबंधित एजेंसियों से संपर्क करें।
धोखाधड़ी से बचने के लिए सावधान रहें और अपने व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रखें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि के मामले में, तुरंत आवश्यक कार्रवाई करें।
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