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PM मोदी की विवेकानंद रॉक मेमोरियल ध्यान साधना, जानें कन्याकुमारी में कैसे 45 घंटे बिताएंगे प्रधानमंत्री

पीएम मोदी कन्याकुमारी के विवेकानंदर रॉक मेमोरियल में 45 घंटों की ध्यान साधना कर रहे हैं. पीएम की ये ध्यान साधना गुरुवार शाम को शुरू हुई जो शनिवार शाम तक चलेगी. इस दौरान प्रधानमंत्री सिर्फ लिक्विड डाइट ही ग्रहण करेंगे.

लोकसभा चुनाव प्रचार खत्म करने का बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल (गुरुवार) को कन्याकुमारी स्थित विवेकानंद रॉक मेमोरियल पहुंचे. जहां उन्होंने सबसे पहले भगवती अम्मन मंदिर में प्रार्थना की.  उसके बाद पीएम मोदी ने शाम करीब 6.75 बजे ध्यान साधना शुरू की. पीएम मोदी की ये ध्यान साधना 45 घंटे तक चलेगी जो शनिवार (1 जून) शाम को पूरी होगी. इस ध्यान साधना के दौरान पीएम मोदी आहार के रूप में सिर्फ तरल खाद्य पदार्थ ही ग्रहण करेंगे. जिसमें वह सिर्फ नारियल पानी के अलावा अंगूर के जूस का ही सेवन करेंगे. पीएम मोदी समुद्र में स्थित विवेकानंद रॉक मेमोरियल में उसी शिला पर ध्यान लगाकर बैठे हैं जिस पर स्वामी विवेकानंद ने ध्यान किया था. इस ध्यान साधना के दौरान पीएम मोदी मौन व्रत का पालन करेंगे और ध्यान कक्ष के अंदर ही रहेंगे.

कहां है विवेकानंदर रॉक मेमोरियल?

विवेकानंदर रॉक मेमोरियल भारत के सबसे दक्षिणी छोर यानी कन्याकुमारी के पास स्थित है. इसी स्थान पर देश की पूर्वी और पश्चिमी तट रेखाएं मिलती हैं. ये स्थान हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का मिलन बिंदु भी है. पीएम मोदी स्वामी विवेकानंद से काफी प्रभावित हैं. यही वजह है कि लोकसभा चुनाव में 70 दिनों तक प्रचार करने के बाद पीएम मोदी सीधे कन्याकुमारी पहुंचे. यही वह ऐतिहासिक स्थान है जहां विवेकानंद को जिंदगी का असली मकसद पता चला था.

बता दें कि पीएम मोदी पंजाब में चुनाव प्रचार खत्म करने के बाद हेलीकॉप्टर से सीधे तिरुवनंतपुरम से कन्याकुमारी पहुंचे. जो वहां से 97 किलोमीटर दूर है. पीएम मोदी के हेलीकॉप्टर ने विवेकानंद मंडपम के ठीक सामने 300 मीटर दूर लैंड किया. कन्याकुमारी पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने सीधे भगवती अम्मान मंदिर पहुंचे. जहां उन्होंने विवेकानंद रॉक मेमोरियल में जाने से पहले पूजा अर्चना की. बता दें कि भगवती अम्मान मंदिर का उल्लेख भी प्राचीन ग्रंथों में मिलता है.

भगवती अम्मान मंदिर में की विशेष पूजा

बताया जाता है कि देवी कन्याकुमारी की मूर्ति की स्थापना 3000 साल पहले भगवान परशुराम ने की थी. पुजारियों का कहना है कि किसी प्रधानमंत्री ने पहली बार देवी के दर्शन किए हैं. पीएम मोदी ने इस दौरान पारंपरिक धोती और सफेद शॉल ओढ़कर मंदिर में पूजा-अर्चना की. इसके बाद पीएम ने गर्भगृह की परिक्रमा की. इस दौरान पुजारियों ने एक विशेष आरती करने का बाद पीएम मोदी को मंदिर का प्रसाद ग्रहण कराया. जिसमें एक शॉल और मंदिर के देवता की तस्वीर शामिल थी.

बता दें कि ध्यान साधना से पहले पीएम मोदी कुछ देर मंडप की ओर जाने वाली सीढ़ियों पर खड़े नजर आए. पीएम मोदी अपनी ध्यान साधना पूरी करने के बाद स्मारक के पास तमिल कवि तिरुवल्लुवर की प्रतिमा के दर्शन के लिए भी जा सकते हैं.


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