उम्मीदवार, दल और लोगों में भ्रम की स्थिति नहीं बने, इसलिए खराब और बेकार ईवीएम के परिवहन पर रोक
बिहार में खराब और बेकार ईवीएम चार जून तक जहां हैं, वहीं रहेंगी। राज्य में छह चरणों के दौरान 32 लोकसभा क्षेत्रों में मतदान संपन्न हो चुका है। शेष 8 संसदीय सीटों के लिए 7वें चरण का मतदान शनिवार को होगा।
चुनाव आयोग ने सभी सात चरणों के मतदान के बाद मतगणना तक सभी ईवीएम के मूवमेंट पर रोक लगा दी है। बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय से सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी एवं निर्वाची पदाधिकारी को चार जून तक किसी भी ईवीएम को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मतदान के बाद ईवीएम को स्ट्रांग रूम (बज्रगृह) में कड़ी सुरक्षा एवं सीसीटीवी की निगरानी में रखा जाता है। खराब एवं बेकार ईवीएम भी जिलों में सुरक्षित स्थलों पर रखे हुए होते हैं। मतगणना के पूर्व कई बार खराब एवं बेकार ईवीएम को एक स्थान से दूसरे स्थान पर रखे जाने को लेकर भ्रम एवं विवाद की स्थिति बन जाती है। उम्मीदवार, दल एवं आमलोगों के बीच भ्रम की स्थिति नहीं बने, इसलिए ईवीएम के परिवहन पर रोक लगायी गयी है।
लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में कुल 77,392 बूथों पर तकरीबन दो लाख ईवीएम का इस्तेमाल किया गया है। सभी बूथों पर ईवीएम से मतदान कार्य संचालित हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों में 66,331 और शहरी क्षेत्र में 11,061 बूथ बनाए गए थे। 40 हजार (51 फीसदी) बूथों से लाइव वेबकास्टिंग करायी गयी। इसके साथ ही, चुनाव में करीब 80 हजार बैलेट यूनिट, इतने ही कंट्रोल यूनिट एवं करीब एक लाख वीवीपैट इस्तेमाल किए गए। सभी ईवीएम को वज्रगृह में सुरक्षित रखा गया है।
ईवीएम को इधर से उधर स्थानांतरित किए जाने से अनावश्यक भ्रम की स्थिति बनती है। इसलिए चार जून तक ईवीएम को इधर से उधर नहीं करने का निर्देश दिया गया है। -आलोक रंजन घोष
अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार।
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