Election Results 2024ElectionNationalPolitics

नतीजों से पहले पीएम नरेंद्र मोदी का लेख : ‘कन्याकुमारी में साधना से निकले नए संकल्प..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के नतीजों से ठीक पहले सभी देशवासियों को संबोधित करते हुए लेख लिखा है. इसमें उन्होंने कन्याकुमारी की अपनी हालिया यात्रा के अनुभव साझा किए हैं. विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे तक ध्यान-साधना के बाद प्रधानमंत्री शनिवार को दिल्ली पहुंचे. यह लेख उन्होंने कन्याकुमारी से दिल्ली लौटते वक्त लिखा था. इसमें उन्होंने बताया कि वह इस यात्रा के बाद खुद में असीम ऊर्जा का प्रवाह महसूस कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के नतीजों से ठीक पहले सभी देशवासियों को संबोधित करते हुए लेख लिखा है. इसमें उन्होंने कन्याकुमारी की अपनी हालिया यात्रा के अनुभव साझा किए हैं. विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे तक ध्यान-साधना के बाद प्रधानमंत्री शनिवार को दिल्ली पहुंचे. यह लेख उन्होंने कन्याकुमारी से दिल्ली लौटते वक्त लिखा था. इसमें उन्होंने बताया कि वह इस यात्रा के बाद खुद में असीम ऊर्जा का प्रवाह महसूस कर रहे हैं.

पीएम मोदी ने अपने इस लेख में कहा, ‘लोकतंत्र की जननी में लोकतंत्र के सबसे बड़े महापर्व का एक पड़ाव आज 1 जून को पूरा हो रहा है. तीन दिन तक कन्याकुमारी में आध्यात्मिक यात्रा के बाद, मैं अभी दिल्ली जाने के लिए हवाई जहाज में आकर बैठा ही हूं… काशी और अनेक सीटों पर मतदान चल ही रहा है. कितने सारे अनुभव हैं, कितनी सारी अनुभूतियां हैं… मैं एक असीम ऊर्जा का प्रवाह स्वयं में महसूस कर रहा हूं.’

उन्होंने लिखा है, ‘वाकई, 24 के इस चुनाव में, कितने ही सुखद संयोग बने हैं. अमृतकाल के इस प्रथम लोकसभा चुनाव में मैंने प्रचार अभियान 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणास्थली मेरठ से शुरू किया. मां भारती की परिक्रमा करते हुए इस चुनाव की मेरी आखिरी सभा पंजाब के होशियारपुर में हुई. संत रविदास जी की तपोभूमि, हमारे गुरुओं की भूमि पंजाब में आखिरी सभा होने का सौभाग्य भी बहुत विशेष है. इसके बाद मुझे कन्याकुमारी में भारत माता के चरणों में बैठने का अवसर मिला. उन शुरुआती पलों में चुनाव का कोलाहल मन-मस्तिष्क में गूंज रहा था. रैलियों में, रोड शो में देखे हुए अनगिनत चेहरे मेरी आंखों के सामने आ रहे थे. माताओं-बहनों-बेटियों के असीम प्रेम का वो ज्वार, उनका आशीर्वाद… उनकी आंखों में मेरे लिए वो विश्वास, वो दुलार… मैं सब कुछ आत्मसात कर रहा था. मेरी आंखें नम हो रही थीं…मैं शून्यता में जा रहा था, साधना में प्रवेश कर रहा था.’

पीएम मोदी ने लिखा है, ‘कुछ ही क्षणों में राजनीतिक वाद विवाद, वार-पलटवार…आरोपों के स्वर और शब्द, वह सब अपने आप शून्य में समाते चले गए. मेरे मन में विरक्ति का भाव और तीव्र हो गया…मेरा मन बाह्य जगत से पूरी तरह अलिप्त हो गया. इतने बड़े दायित्वों के बीच ऐसी साधना कठिन होती है, लेकिन कन्याकुमारी की भूमि और स्वामी विवेकानंद की प्रेरणा ने इसे सहज बना दिया. मैं सांसद के तौर पर अपना चुनाव भी अपनी काशी के मतदाताओं के चरणों में छोड़कर यहां आया था. मैं ईश्वर का भी आभारी हूं कि उन्होंने मुझे जन्म से ये संस्कार दिए. मैं ये भी सोच रहा था कि स्वामी विवेकानंद जी ने उस स्थान पर साधना के समय क्या अनुभव किया होगा! मेरी साधना का कुछ हिस्सा इसी तरह के विचार प्रवाह में बहा.’

उन्होंने लिखा है, ‘इस विरक्ति के बीच, शांति और नीरवता के बीच, मेरे मन में निरंतर भारत के उज्जवल भविष्य के लिए, भारत के लक्ष्यों के लिए निरंतर विचार उमड़ रहे थे. कन्याकुमारी के उगते हुए सूर्य ने मेरे विचारों को नई ऊंचाई दी, सागर की विशालता ने मेरे विचारों को विस्तार दिया और क्षितिज के विस्तार ने ब्रह्मांड की गहराई में समाई एकात्मकता, Oneness का निरंतर ऐहसास कराया. ऐसा लग रहा था जैसे दशकों पहले हिमालय की गोद में किए गए चिंतन और अनुभव पुनर्जीवित हो रहे हों.’

प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं, ‘साथियों, कन्याकुमारी का ये स्थान हमेशा से मेरे मन के अत्यंत करीब रहा है. कन्याकुमारी में विवेकानंद शिला स्मारक का निर्माण श्री एकनाथ रानडे जी ने करवाया था. एकनाथ जी के साथ मुझे काफी भ्रमण करने का मौका मिला था. इस स्मारक के निर्माण के दौरान कन्याकुमारी में कुछ समय रहना, वहां आना-जाना, स्वभाविक रूप से होता था. कश्मीर से कन्याकुमारी… ये हर देशवासी के अन्तर्मन में रची-बसी हमारी साझी पहचान हैं. ये वो शक्तिपीठ है जहां मां शक्ति ने कन्या कुमारी के रूप में अवतार लिया था. इस दक्षिणी छोर पर मां शक्ति ने उन भगवान शिव के लिए तपस्या और प्रतीक्षा की जो भारत के सबसे उत्तरी छोर के हिमालय पर विराज रहे थे. कन्याकुमारी संगमों के संगम की धरती है. हमारे देश की पवित्र नदियां अलग-अलग समुद्रों में जाकर मिलती हैं और यहां उन समुद्रों का संगम होता है. और यहां एक और महान संगम दिखता है- भारत का वैचारिक संगम!’

उन्होंने लिखा है, ‘यहां विवेकानंद शिला स्मारक के साथ ही संत तिरुवल्लूवर की विशाल प्रतिमा, गांधी मंडपम और कामराजर मणि मंडपम हैं. महान नायकों के विचारों की ये धाराएं यहां राष्ट्र चिंतन का संगम बनाती हैं. इससे राष्ट्र निर्माण की महान प्रेरणाओं का उदय होता है. जो लोग भारत के राष्ट्र होने और देश की एकता पर संदेह करते हैं, उन्हें कन्याकुमारी की ये धरती एकता का अमिट संदेश देती है. कन्याकुमारी में संत तिरुवल्लूवर की विशाल प्रतिमा, समंदर से मां भारती के विस्तार को देखती हुई प्रतीत होती है. उनकी रचना ‘तिरुक्कुरल’ तमिल साहित्य के रत्नों से जड़ित एक मुकुट के जैसी है. इसमें जीवन के हर पक्ष का वर्णन है, जो हमें स्वयं और राष्ट्र के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने की प्रेरणा देता है. ऐसी महान विभूति को श्रद्धांजलि अर्पित करना भी मेरा परम सौभाग्य रहा.’

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इस लेख में स्वामी विवेकानंद की बातों को उद्धृत करते हुए लिखा, ‘स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था- Every Nation Has a Message To deliver, a mission to fulfil, a destiny to reach. भारत हजारों वर्षों से इसी भाव के साथ सार्थक उद्देश्य को लेकर आगे बढ़ता आया है. भारत हजारों वर्षों से विचारों के अनुसंधान का केंद्र रहा है. हमने जो अर्जित किया उसे कभी अपनी व्यक्तिगत पूंजी मानकर आर्थिक या भौतिक मापदण्डों पर नहीं तौला. इसीलिए, ‘इदं न मम’ यह भारत के चरित्र का सहज एवं स्वाभाविक हिस्सा हो गया है.’

उन्होंने कहा, ‘भारत के कल्याण से विश्व का कल्याण, भारत की प्रगति से विश्व की प्रगति, इसका एक बड़ा उदाहरण हमारी आज़ादी का आंदोलन भी है. 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ. उस समय दुनिया के कई देश गुलामी में थे. भारत की स्वतंत्रता से उन देशों को भी प्रेरणा और बल मिला, उन्होंने आजादी प्राप्त की. अभी कोरोना के कठिन कालखंड का उदाहरण भी हमारे सामने है. जब गरीब और विकासशील देशों को लेकर आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं, लेकिन, भारत के सफल प्रयासों से तमाम देशों को हौसला भी मिला और सहयोग भी मिला.’

पीएम मोदी ने कहा, ‘आज भारत का गवर्नेंस मॉडल दुनिया के कई देशों के लिए एक उदाहरण बना है. सिर्फ 10 वर्षों में 25 करोड़ लोगों का गरीबी से बाहर निकलना अभूतपूर्व है. प्रो-पीपल गुड गवर्नेंस, aspirational district, aspirational block जैसे अभिनव प्रयोग की आज विश्व में चर्चा हो रही है. गरीब के सशक्तिकरण से लेकर लास्ट माइल डिलीवरी तक, समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को प्राथमिकता देने के हमारे प्रयासों ने विश्व को प्रेरित किया है.

उन्होंने लिखा है, ‘भारत का डिजिटल इंडिया अभियान आज पूरे विश्व के लिए एक उदाहरण है कि हम कैसे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल गरीबों को सशक्त करने में, पारदर्शिता लाने में, उनके अधिकार दिलाने में कर सकते हैं. भारत में सस्ता डेटा आज सूचना और सेवाओं तक गरीब की पहुंच सुनिश्चित करके सामाजिक समानता का माध्यम बन रहा है. पूरा विश्व technology के इस democratization को एक शोध दृष्टि से देख रहा है और बड़ी वैश्विक संस्थाएं कई देशों को हमारे मॉडल से सीखने की सलाह दे रही हैं.’

उन्होंने कहा, ‘आज भारत की प्रगति और भारत का उत्थान केवल भारत के लिए बड़ा अवसर नहीं है. ये पूरे विश्व में हमारे सभी सहयात्री देशों के लिए भी एक ऐतिहासिक अवसर है. G-20 की सफलता के बाद से विश्व भारत की इस भूमिका को और अधिक मुखर होकर स्वीकार कर रहा है. आज भारत को ग्लोबल साउथ की एक सशक्त और महत्वपूर्ण आवाज़ के रूप में स्वीकार किया जा रहा है. भारत की ही पहल पर अफ्रीकन यूनियन G-20 ग्रुप का हिस्सा बना. ये सभी अफ्रीकन देशों के भविष्य का एक अहम मोड़ साबित हुआ है.’


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

Submit your Opinion

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी