निर्दलीय चुनाव जीतकर पप्पू यादव ने रचा इतिहास, कहीं की नहीं रहीं बीमा भारती
पप्पू यादव ने पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया. उन्होंने न सिर्फ मोदी-नीतीश के कैंडिडेट को हराया, बल्कि तेजस्वी यादव के उम्मीदवार की जमानत जब्त करा दी. जिस पप्पू यादव को हराने के लिए तेजस्वी यादव ने पूर्णिया में कैंप किया था, ताबड़तोड़ जनसभाएं की थी.
अपने धूर विरोधी को हराने के लिए तेजस्वी ने यहां तक कह दिया था कि अगर पूर्णिया के वोटर्स हमारे प्रत्याशी बीमा भारती को वोट नहीं करेंगे तो एनडीए उम्मीदवार को वोट कर दें. इसके बाद भी पप्पू यादव का जलवा बरकरार रहा. उन्होंने पूर्णिया लोस सीट से विजय पताखा लहरा कर तेजस्वी यादव के अभियान की हवा निकाल दी.
23 हजार से अधिक मतों से जीते पप्पू यादव
पूर्णिया लोकसभा सीट से पप्पू यादव ने निर्दलीय चुनाव जीत लिया है. चुनाव आयोग के अनुसार पप्पू यादव ने 23847 मतों से जेडीयू प्रत्याशी संतोष कुशवाहा को हरा दिया. पप्पू यादव को जहां 567556 मत मिले, वहीं जेडीयू प्रत्याशी को 543709 वोट. वहीं जेडीयू की विधायकी से इस्तीफा देकर राजद से चुनाव लड़ी बीमा भारती को महज 27120 वोट मिले. इस तरह से तेजस्वी यादव के प्रत्याशी बीमा भारती की करारी हार हो गई। ऐसी हार की अपेक्षा किसी ने नहीं की होगी. राजद प्रत्याशी को नोटा से सिर्फ 3.5 हजार अधिक मत मिले हैं. पूर्णिया में 23834 लोगों ने नोटा दबाया है.
रूपौली से विधायक थी…इस्तीफा देकर लड़ा था चुनाव
बता दें, बीमा भारती पूर्णिया जिले के रूपौली से विधायक थी. वह नवंबर 2000 से 2020 तक 4 बार रूपौली विस क्षेत्र से विधायक चुनी गई हैं. नीतीश कैबिनेट में वे गन्ना उद्योग विभाग की मंत्री भी रहीं. लेकिन इसी साल उ्होंने जेडीयू विधायकी से इस्तीफा देकर राजद ज्वाइ कर लिया. तेजस्वी यादव ने इन्हें पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतार दिया.
हालांकि पप्पू यादव लंबे समय से चुनाव की तैयारी कर रहे थे. इस संबंध में उन्होंने लालू-तेजस्वी से मुलाकात भी की थी. इसके बाद कांग्रेस में शामिल हुए थे. इधऱ, उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन किया, इधऱ तेजस्वी यादव ने लंगड़ी लगा दी. किसी कीमत पप्पू यादव को महागठबंध प्रत्याशी बनने से लालू परिवार ने रोक दिया. अंततः वे निर्दलीय चुनाव लड़े और न सिर्फ तेजस्वी यादव के कैंडिडेट को पराजित किया बल्कि नीतीश कुमार के प्रत्याशी जो लगातार 2014 से जीत रहे थे, उन्हें भी हरा दिया.
गौरतलब है कि, पप्पू यादव पूर्णिया लोकसभा सीट से इससे पहले 1991, 1996 और 1999 में सांसद रह चुके हैं. इस बार वे यहां से काफी समय से तैयारी कर रहे थे. वे महागठबंधन से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन सफळता नहीं मिली. तेजस्वी यादव ने उन्हें हराने की एक भी कोशिश नहीं छोड़ी, फिर भी उन्होंने जीत दर्ज कर तेजस्वी यादव को चारो खाने चित्त कर दिया.
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