‘रेलवे भी चाहिए, पथ परिवहन भी’, जानिए क्या है नीतीश का मंत्रिमंडल में प्लान, विशेष दर्जे से लेकर कास्ट सेंसस तक
देश में एनडीए को पूर्ण बहुमत मिला है लेकिन, एनडीए के पूर्ण बहुमत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी मजबूत हुए हैं. भले उनकी सीटें लोकसभा चुनाव में 16 से 12 हो गई हो लेकिन, बिहार से लेकर केंद्र तक नीतीश कुमार की ताकत बढ़ी है. इस ताकत के बढ़ने के साथ ही जेडीयू अब केंद्र की सरकार में अंदरुनी रूप से शामिल भी होगी और उनके मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी भी होगी।
दिल्ली में JDU की बैठक : इसको लेकर आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली स्थित बिहार के सीएम हाउस में अपने नेताओं की एक बड़ी बैठक बुलाई. जिसमें जदयू के सभी बड़े नेता शामिल हुए और इस बैठक के बाद जो निकलकर सामने आया, उसमें जेडीयू केंद्र की सरकार में किस रूप में शामिल होगी, उसका एक प्रतिबिंब दिखने लगा है।
JDU की चाहत है तीन मंत्रालय मिले : जिस तरह से जदयू का पूरा कुनबा दिल्ली कैंप कर रहा है. उसके बाद से यह साफ हो गया है कि जदयू को हिस्सेदारी से भी कुछ ज्यादा चाहिए. यही वजह है कि लगातार जदयू खेमे में बैठकों का दौर जारी है. जेडीयू सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल में जो हिस्सेदारी मिलेगी वह तो मिलेगी ही लेकिन, मंत्रिमंडल में भी जो-जो मंत्रालय चाहिए वह बड़े कद का मंत्रालय चाहिए।
रेल-पथ परिवहन पर नीतीश की नजर : जदयू के सूत्र बताते हैं कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश में रेल मंत्री रहे थे और रेलवे में कुछ उन्होंने ड्रीम प्रोजेक्ट सोचे थे, जिसे पूरा करना है तो, जदयू चाहती है कि रेलवे मंत्रालय जदयू के हिस्से में रहे. इसके अलावा ग्रामीण विकास मंत्रालय और पथ परिवहन मंत्रालय पर भी जदयू की नजर है. कुल मिलाकर जदयू मंत्रालय में अपनी संख्या के मुताबिक दो कैबिनेट और एक एमओएस चाहती है।
”मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अटल बिहारी वाजपेई की सरकार के बाद पहली बार केंद्र में इतनी मजबूत स्थिति में दिखे हैं. पिछली बार जिस तरह से उन्हें सांकेतिक तौर पर मंत्रालय दिए जा रहे थे और उन्होंने बीजेपी सरकार के सामने संख्या बल के आधार पर अपनी दावेदारी की थी, जिसे भाजपा ने नहीं माना था और जदयू उस मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुई थी. उसके बाद यह जो स्थिति बनी है वह नीतीश कुमार के लिए एक मजबूत स्थिति बनी है. बिहार से लेकर केंद्र सरकार तक नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम के बाद ताकतवर हुए हैं. यही ताकत उन्हें केंद्र में मजबूत मंत्रालय तो दिलाएगा ही, साथ ही जो बिहार के लिए लंबित मांगे हैं उस पर भी बीजेपी को सोचने पर मजबूर कर देगा.”- सत्यनारायण झा, वरिष्ठ पत्रकार
विशेष दर्जे पर विशेष नजर : दूसरी तरफ, सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू नेताओं की बैठक के बाद जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने पहले तो कहा कि उनकी कोई डिमांड नहीं है लेकिन, लगे हाथों उन्होंने बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की अहमियत को बता दिया. उन्होंने बता दिया कि किस तरह से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा तो बिहार विकास करेगा।
JDU की विशेष नजर : यही नहीं जदयू के बिहार प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने ट्वीट करते हुए नीतीश कुमार की केंद्र में अहमियत भी बता दी. बिहार में विकास का दर भी बताया, साथ ही विशेष दर्जा, विशेष पैकेज और विशेष सहायता पर विशेष नजर रखने की भी बात भी कह दी. नीरज कुमार ने ट्वीट किया कि ”नीतीश कुमार जी ने गतिमान विकास के साथ राष्ट्रीय विकास दर कायम रखा. विशेष दर्जा, विशेष पैकेज, विशेष सहायता, विशेष नजर, हमारी चिंता. विपक्षी जेल में विशेष दर्जा की चिंता करें, बिहार की जनता ने राजनीतिक बेड रेस्ट तो दे ही दिया है.”
पूरे देश में हो कास्ट सेंसस : बिहार के वरिष्ठ पत्रकार सत्यनारायण झा कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विशेष राज्य के दर्जे की जो बात अपने नेताओं से कहलवा रहे हैं उसमें उनकी सहमति है. इसके साथ ही नीतीश कुमार की इच्छा यह भी होगी कि वह पूरे देश में जाति आधारित गणना करवाकर एक पॉलिटिकल माइलस्टोन तय करें. इसको लेकर जदयू की तरफ से कवायत भी शुरू हो गई है. उनके नेता बोलते भी लगे हैं तो जाहिर सी बात है 2 दिन बाद केंद्र में जो मंत्रिमंडल गठन होगा उसके बाद नीतीश कुमार की जो मांगे हैं वह पूरी हो सकती है।
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