दर्द से परेशान था किशोर, डॉक्टर ने गले में फंसे सिक्के को निकाल बचाई जान
यूपी के हरदोई में 12 साल के बच्चे के गले में 7 साल से फंसा सिक्का सर्जरी कर निकालने का मामला प्रकाश में आया है। यह बच्चा पीलिया के इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज लाया गया था, जहां एक्स-रे में सिक्का देखा गया। परिजनों का कहना है कि बच्चे ने सात साल पहले गलती से इसे निगल लिया था। सर्जरी Surgery करने वाले डॉक्टर ने कहा कि सिक्का गलने लगा था। इससे अनुमान है कि यह काफी पहले फंसा होगा। सर्जरी के बाद बच्चा ठीर है लेकिन डॉक्टरों की देखरेख में भर्ती है।
Baghauli Police Station बघौली थाना क्षेत्र के मुरलीपुरवा गांव Murlipurva Village निवासी महेश खेती करते हैं। उनका 12 साल का बेटा अंकुल अप्रैल में पेट दर्द से परेशान हुआ। एक प्राइवेट डॉक्टर की दवा से वह ठीक हो गया। चार जून को अंकुल ने फिर गले में दर्द की शिकायत की। इस पर उसके बाबा अजय उसे जिला अस्पताल पहुंचे।
ईएनटी सर्जन डॉ. विवेक सिंह ने गले का चेकअप करने के बाद पूछताछ की। परिजनों ने बताया कि बच्चे ने कई साल पहले सिक्का निगल लिया था लेकिन उसके बाद कोई तकलीफ नहीं थी। डॉ. विवेक ने उसे एक्स-रे कराया, जिसमें सिक्का नजर आ गया। बुधवार को दूरबीन विधि से सर्जरी करके अंकुल के गले में फंसा सिक्का निकाला गया। यह साल 2010 का पांच रुपये का सिक्का था। डॉक्टरों टीम में सर्जन डॉ. विवेक के अलावा डॉ. विकास चंद्र शामिल थे।
मामा आदेश ने बताया कि अंकुल जब पांच साल का था, तब उसने यह सिक्का निगल लिया था। आसपास के डॉक्टरों से इलाज कराया। सिक्का नहीं निकला लेकिन कोई विशेष परेशानी भी नहीं हुई। इससे परिजन भी लापरवाह हो गए। उसे कभी-कभी उलटी जरूर हो जाती थी। इस मामले में ईएनटी सर्जन डॉ. विवेक सिंह ने बताया कि परिजनों ने बताया कि अंकुल ने सात साल पहले सिक्का निगल लिया था।
एक्सरे कराने पर खाने की नली में एक तरफ चिपका सिक्का दिखा। यह गलने लगा था। सिक्का इस तरह चिपका था कि बच्चे को ज्यादा परेशानी नहीं हथी लेकिन डेढ़ माह पहले उसे पीलिया हो गया। रूटीन चेकअप में एक्सरे हुआ तो सिक्का देखा गया। तब जिस डॉक्टर ने इलाज किया था, उसने परिजनों को बताया भी लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। जिला अस्पताल लाने पर उसकी सर्जरी कर सिक्का निकाला गया है। वह स्वस्थ है।
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