अब सेटेलाइट से सीधे कटेगा टोल, ट्रायल रहा सफल
● नई व्यवस्था के बाद समय घटकर डेढ़ मिनट हो जाएगा
● सभी गाड़ियों में जीपीएस को किया जाएगा अनिवार्य
● सुरक्षा के लिहाज से अधुनिक होगी नई टोल वसूली व्यवस्था
● वाहन को पांच से सात मिनट में किया जा सकेगा ट्रेस
देशभर के नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर जल्द सेटेलाइट आधारित टोल वसूली शुरू होगी। एनएचएआई की तरफ से द्वारका एक्सप्रेसवे समेत कई सड़कों पर किए गए शुरुआती ट्रायल सफल रहे हैं, जिसके बाद इसे देश भर में लागू करने का फैसला लिया गया है।
नई व्यवस्था के बाद टोल प्लाजा पर लगने वाला समय बचेगा। इसके बाद टोल प्लाजा से बैरियर हटा दिए जाएंगे। एनएचएआई अधिकारी बताते हैं कि ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) के जरिए टोल वसूली में गाड़ियों को दो तरह से ट्रैक किया जा सकेगा। पहला, जीपीएस के जरिए गाड़ी को ट्रैक करके टोल काटा जाएगा। दूसरे, हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) के जरिए। इन दोनों तरीकों से दूरी के हिसाब से टोल काट लिया जाएगा। इसके लिए टोल प्लाजा से 500 मीटर पहले और बाद में सेंसर लगाएंगे जो नंबर प्लेट से वाहन का पता लगाएगा कि कौन से वाहन कहां से एक्सप्रेसवे या एनएच पर चढ़ा और किस जगह बाहर निकला।
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