Edible Oil Price : फिर सस्ता हुआ सरसों तेल के दाम! यहाँ देखें नई रेट लिस्ट.
Edible Oil Price : आने वाले दिनों में आपके खाने का स्वाद और बढ़ने वाला है। दाल में लगने वाले तड़के का स्वाद और बढ़ जाएगा। गरमा-गरम पकौड़े के साथ शाम की चाय ऑफिस की सारी थकान को दूर कर देगी। दरअसल सरसों तेल की कीमत में कटौती कर दी गई है। धारा, फॉर्च्यून, जेमिनी जैसे ऑयल ब्रांड्स के MRP में कटौती का फैसला किया गया है। धारा, फॉर्च्यून जैसी एडिबल ऑयल के दाम में कटौती का लाभ आपको अगले कुछ दिनों में मिलने लगेगा। सरकार की सलाह को मानते हुए खाद्य तेल कंपनियों ने सरसों तेल की कीमतों में कटौती करना शुरू कर दिया है। 3 मई को अडानी विल्मर, मदर डेयरी जैसी कंपनियों ने अपने ऑयल ब्रांड्स के दाम में कटौती कर दिया। कंपनियों का कहना है कि अगले 7 से 10 दिनों के भीतर बाजार में नए स्टॉक्स नई कीमत के साथ आ जाएंगे। यानी अगले हफ्ते-दस दिन के बाद आपको नए MRP के साथ सस्ता सरसों तेल मिलने लगेगा।
सूत्रों ने कहा कि पिछले लगभग तीन महीने में एनसीडीईएक्स के वायदा कारोबार में बिनौलाखल के दाम लगभग 25-26 प्रतिशत घट चुका है लेकिन इस बात पर किसी का ध्यान क्यों नहीं जाता कि दूध के दाम कम क्यों नहीं हो रहे। जब पशु आहार यानी खल के दाम बढ़ते हैं तो दूध की कीमत तत्काल बढ़ा दी जाती है लेकिन खल के दाम घटने पर भी उन लोगों को अपनी आवाज उठानी चाहिये जो खाद्यतेल के दाम बढ़ने पर मुद्रास्फीति के लिए चिंतित होते हैं।
उन्होंने कहा कि चावल भूसी तेल के डीआयल्ड केक (डीओसी) के निर्यात पर सरकार ने नवंबर तक रोक लगा रखी है। सरकार को सूरजमुखी डीओसी के निर्यात पर भी रोक लगाने की पहल करनी चाहिये क्योंकि सूरजमुखी की पैदावार देश में काफी कम रह गई है और इसकी खपत अधिक है। इसके खल की भी मांग रहती है।
सूत्रों ने कहा कि पिछले 20 वर्षो से सरकारों ने खाद्यतेल की ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। यही कारण है कि इसके बाजार में अनिश्चितताएं अब भी बनी हुई है।
वर्ष 1987 में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में मूंगफली की काफी अच्छी पैदावार थी। लेकिन बाजार की अनिश्चितताओं की वजह से किसानों ने मूंगफली की खेती अब काफी कम दी है। यही हाल सूरजमुखी का भी है जिसकी महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में ही अकेले देश के लगभग 85 प्रतिशत सूरजमुखी की पैदावार होती थी लेकिन अस्थिर नीतियों और बाजार की अस्थिरता के कारण इन जगहों पर सूरजमुखी की फसल बेहद कम रह गई है।
अब वक्त निकल चुका है और अब सब कुछ किसानों पर निर्भर है कि वो क्या बोयेंगे और किसमें वो अपना फायदा देखते हैं। उनको समझाना और मनाना एक मुश्किल काम है।
सूत्रों ने कहा कि सरसों की बाजार में आवक कम है लेकिन बाजार में इसके भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम हैं। त्योहारी मांग आने वाली है और बाजार में सस्ते आयातित खाद्य तेलों की भरमार है। इन परिस्थितियों के बीच इनके तेल तिलहन पूर्वस्तर पर बने रहे। मूंगफली और बिनौला का माल काफी कम है लेकिन विदेशों में गिरावट के दवाब में इनके तेल तिलहन के भाव मामूली कमजोर रहे।
पहले जिस सूरजमुखी तेल का दाम विदेशों में सोयाबीन से 150 डॉलर प्रति टन नीचे था वह सोयाबीन के दाम घटने और सूरजमुखी के दाम बढ़ने के कारण अब लगभग बराबर भाव के हो गये हैं। सूरजमुखी, बिनौला और मूंगफली ऐसे खाद्यतेल हैं जिन्हें नमकीन बनाने वाली कंपनियां इस्तेमाल करती हैं। वे अपने लिए सोयाबीन तेल का उपयोग नहीं करतीं। विदेशी बाजारों के मंदा होने से सोयाबीन तेल तिलहन में भी गिरावट रही।
सोमवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे
- सरसों तिलहन – 5,700-5,750 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।
- मूंगफली – 7,725-7,775 रुपये प्रति क्विंटल।
- मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 18,650 रुपये प्रति क्विंटल।
- मूंगफली रिफाइंड तेल 2,700-2,985 रुपये प्रति टिन।
- सरसों तेल दादरी- 11,000 रुपये प्रति क्विंटल।
- सरसों पक्की घानी- 1,815 -1,895 रुपये प्रति टिन।
- सरसों कच्ची घानी- 1,815 -1,925 रुपये प्रति टिन।
- तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,500 रुपये प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,250 रुपये प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,700 रुपये प्रति क्विंटल।
- सीपीओ एक्स-कांडला- 8,200 रुपये प्रति क्विंटल।
- बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,600 रुपये प्रति क्विंटल।
- पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,500 रुपये प्रति क्विंटल।
- पामोलिन एक्स- कांडला- 8,550 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन दाना – 5,080-5,175 रुपये प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन लूज- 4,845-4,940 रुपये प्रति क्विंटल।
- मक्का खल (सरिस्का)- 4,015 रुपये प्रति क्विंटल।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.