अंगिका भाषा को आठवीं सूची में शामिल करने और संवैधानिक मान्यता को लेकर एकदिवसीय विशाल धरना का हुआ आयोजन
भागलपुर : अंगजनपद की लोक भाषा अंगिका अपने परिचय का मोहताज होते दिख रही है, अंगिका भाषा को अपेक्षित करने के अलावे कुछ भी नहीं मिला, जिस तरह मैथिली भाषा बांग्ला भाषा भोजपुरी भाषा के अलावा कई भाषा पर सरकार का विशेष ध्यान है उसके हिसाब से अंगिका भाषा पर इतना विचार नहीं किया जा रहा।
जिसके चलते अंगिका भाषा अपेक्षित होती चली जा रही है अंगिका भाषा की संवैधानिक मान्यता को लेकर आज अंग क्षेत्र के लोगों ने एक विशाल धरना का आयोजन किया साथ ही प्रदर्शनकारी लोगों ने कई मांगों को भी रखा जैसे अंगिका भाषा आठवीं अनुसूची में जोड़ी जाए भागलपुर स्टेशन बस स्टैंड में उद्घोषणा अंगिका में भी की जाए अंगिका भाषा से नौकरी दी जाए विश्वविद्यालय में अंगिका पर विशेष कार्य हो अंगिका भाषा पर सिनेमा टीवी सीरियल वेब सीरीज बनाई जाए अंगिका भाषा के लिए कभी साहित्यकार जैसे खास लोगों को पुरस्कृत की जाए इसके विकास के लिए एक विशेष संस्थान बनाई जाए।
जिससे यह फल फूल और आगे बढ़े वहीं प्रदर्शन कार्यो ने भागवत जा आजाद अंगिका केंद्रीय विश्वविद्यालय खोलने की भी बात कही साथ ही साथ अंगिका को जल्द से जल्द दूसरी राजभाषा घोषित करने की भी बात करते दिखे।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.