नीट पेपर लीक मामले में एक और गिरफ्तारी, महाराष्ट्र के लातूर से जिला परिषद शिक्षक गिरफ्तार, दो की तलाश जारी
नीट पेपर लीक मामला दिन ब दिन तूल पकड़ता जा रहा है। अब इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस को एक और सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने मामले में जिला परिषद स्कूल के एक शिक्षक को गिरफ्तार किया है। आरोपी संजय जाधव का मेडिकल कराने के बाद उनसे लातूर के शिवाजी नगर पुलिस थाने में पुछताछ की जा रही है। इससे पहले, महाराष्ट्र एटीएस ने नीट में कथित गड़बड़ी से जुड़े मामले में जलील खान उमर खान पठान को गिरफ्तार किया था। जिसे कोर्ट ने 2 जुलाई तक एटीएस की कस्टडी में भेज दिया है। इस मामले में और दो आरोपी की तलाश जारी है।
जानकारी के लिए बता दें कि पुलिस ने सोमवार को बताया कि यह बात सामने आई है कि कम से कम चार लोग पैसे देकर परीक्षा पास करने को तैयार नीट छात्रों की मदद करने के लिए एक गिरोह चला रहे थे। पुलिस ने रविवार देर रात जिला परिषद स्कूल के प्रधानाध्यापक जलील खान उमर खान पठान को गिरफ्तार किया। वहीं, अब पुलिस ने एक अन्य शिक्षक संजय जाधव को भी गिरफ्तार कर लिया है।
कोर्ट ने 2 जुलाई तक एटीएस की हिरासत में भेजा
पुलिस के अनुसार दोनों शिक्षक एक निजी कोचिंग सेंटर का भी संचालन करते हैं। संजय तुकाराम जाधव और जलील खान उमर खान पठान (दोनों लातूर के शिक्षक), नांदेड़ के इरन्ना मशनाजी कोंगलवाव और दिल्ली निवासी गंगाधर के खिलाफ सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। पठान को सोमवार को एक स्थानीय अदालत ने दो जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।
फोन में मिली थी संदिग्ध जानकारी
लातूर जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘एटीएस अधिकारियों को सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध व्यक्ति पैसे के बदले नीट अभ्यर्थियों को परीक्षा उत्तीर्ण कराने के लिए एक गिरोह चला रहे हैं।” इसके बाद एटीएस ने शनिवार रात पूछताछ के लिए जाधव और पठान को लातूर से हिरासत में लिया। पुलिस के अनुसार, हिरासत में लिए गए एक व्यक्ति के मोबाइल फोन में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2024 परीक्षा से संबंधित संदिग्ध जानकारी मिली।
कोंगलवार की तलाश जारी
एक अधिकारी ने बताया कि अब तक की जांच में आरोपियों में से एक कोंगलवार द्वारा दिल्ली निवासी गंगाधर के साथ किए गए रुपये का लेनदेन सामने आया है। प्रथम दृष्टया कोंगलवार एक मध्यस्थ के रूप में काम करता था जो पठान और जाधव से नीट अभ्यर्थियों के प्रवेश-पत्र एकत्र करता था। अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रवेश-पत्र एकत्र होने के बाद गंगाधर को 50,000 रुपये का पहले ही भुगतान किया जाता था और प्रवेश-पत्र उसे भेज दिए जाते थे। सौदा आमतौर पर पांच लाख रुपये (पेपर लीक के लिए प्रति छात्र) पर तय होता था।” मराठवाड़ा क्षेत्र के धाराशिव जिले के उमरगा में आईटीआई में कार्यरत कोंगलवार, गंगाधर के संपर्क में था। अधिकारी ने बताया कि कोंगलवार की तलाश के लिए पुलिस टीम काम में जुटी हैं।
सीबीआई को सौंप दी गई जांच
इस बीच, कटपुर में जहां पठान शिक्षक के रूप में तैनात है, वहां पठान की अलमारी को सील कर दिया गया है और उनका कार्यभार किसी अन्य शिक्षक को सौंप दिया गया है। जांच से पता चला कि पठान 20 जून से स्कूल से अनुपस्थित है लेकिन उसने 20 और 21 जून को ड्यूटी रजिस्टर पर हस्ताक्षर किए थे। एटीएस ने यह कार्रवाई ऐसे समय की है, जब केंद्र ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा- नीट-यूजी में कथित गड़बड़ी की जांच सीबीआई को सौंप दी है। वहीं देशभर में छात्रों द्वारा मामले की जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा था। सीबीआई ने 5 मई को आयोजित परीक्षा में कथित गड़बड़ी के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की है।
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