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पीएमसीएच में बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं बनने पर लगा जुर्माना

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बिहार : फैकल्टी, संसाधनों की कमी और प्रोफेसर की ओर से बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं बनना राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच को महंगा पड़ा है। नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) ने पीएमसीएच पर चार लाख रुपये का जुर्माना लगाया। अलग-अलग बिंदुओं पर वार्षिक रिपोर्ट के आकलन के बाद एनएमसी ने यह जुर्माना लगाया है।

एनएमसी ने प्राचार्य विद्यापति चौधरी को भेजे ई-मेल में अंडर ग्रेजेएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड के निदेशक शम्भू शरण कुमार ने कहा कि जुर्माने की राशि सात दिनों के अंदर एनएमसी के अकाउंट में जमा करानी होगी। इस जुर्माने के बाद ही बोर्ड पीएमसीएच को एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए 200 सीटों की मंजूरी देगा। कहा कि एनएमसी द्वारा प्राचार्य के घोषणा पत्र के कई बिंदुओं पर आपत्ति जताई थी। पिछले सप्ताह 18 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्राचार्य ने एनएमसीएच के समक्ष इन बिंदुओं पर अपना पक्ष रखा था। इसे एनएमसी ने संतोषजनक नहीं पाया।

हाजिरी न बन पाने की वजह तकनीकी खामी : प्राचार्य

डॉ. विद्यापति चौधरी ने कहा कि एनएमसी ने एसोसिएट प्रोफेसरों के 16 रिक्त पदों और बायोमेट्रिक हाजिरी शत-प्रतिशत नहीं होने पर आपत्ति जताई थी। जवाब में कहा था कई प्रोफेसरों व वरीय शिक्षकों की उम्र 60 साल से अधिक हो गई है। उनकी उंगलियों से कई बार बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं बन पाती है। ऐेसे में रजिस्टर में हाजिरी बनाई जाती है। पीएमसीएच में निर्माण कार्यों से कई बार इंटरनेट, बिजली घंटों बाधित हो जाती है। इस स्थिति में बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं बन पाती।


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Kumar Aditya

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