क्या है 27 जून 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
आज का पंचांग – 27 जून 2024 गुरुवार ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि है. हिन्दू पंचांग के अनुसार आज शतभिषा नक्षत्र है. शतभिषा नक्षत्र का प्रभाव दैनिक पंचांग पर विभिन्न पहलुओं में देखा जा सकता है. शतभिषा नक्षत्र का स्वामी राहु है और इसे विशेष रूप से रहस्यों, चिकित्सकों, और वैज्ञानिकों के नक्षत्र के रूप में जाना जाता है. इस नक्षत्र के प्रभाव में रहस्यमयी और गूढ़ विज्ञानों में रुचि बढ़ती है. गुप्त ज्ञान, शोध और अनुसंधान कार्यों में सफलता प्राप्त होती है. यह समय वैज्ञानिक खोजों और अनुसंधान के लिए बहुत ही अनुकूल माना जाता है. शतभिषा नक्षत्र के प्रभाव में व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक क्षमताओं में वृद्धि होती है. इस नक्षत्र के प्रभाव में व्यक्ति अधिक स्पष्टता और सटीकता से निर्णय लेने में सक्षम होता है. यह नक्षत्र स्वतंत्रता, नवाचार, और क्रांतिकारी विचारों को बढ़ावा देता है. इस समय सतर्क रहना और अप्रत्याशित परिस्थितियों के लिए तैयार रहना महत्वपूर्ण होता है.
आज का पंचांग
तिथि- षष्ठी – 18:42:02 तक
नक्षत्र- शतभिषा – 11:37:30 तक
करण- गर – 07:49:34 तक, वणिज – 18:42:02 तक
पक्ष- कृष्ण
योग- आयुष्मान – 24:27:29 तक
वार- गुरूवार
सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएं
सूर्योदय- 05:25:28
सूर्यास्त- 19:22:53
चन्द्र राशि- कुम्भ – 28:32:38 तक
चन्द्रोदय- 23:37:59
चन्द्रास्त- 10:41:00
ऋतु- वर्षा
हिन्दू मास एवं वर्ष
शक सम्वत- 1946 क्रोधी
विक्रम सम्वत- 2081
काली सम्वत- 5125
प्रविष्टे / गत्ते- 13
मास पूर्णिमांत- आषाढ
मास अमांत- ज्येष्ठ
दिन काल- 13:57:24
अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)
दुष्टमुहूर्त- 10:04:37 से 11:00:26 तक, 15:39:34 से 16:35:24 तक
कुलिक- 10:04:37 से 11:00:26 तक
कंटक- 15:39:34 से 16:35:24 तक
राहु काल- 14:08:51 से 15:53:31 तक
कालवेला / अर्द्धयाम- 17:31:13 से 18:27:03 तक
यमघण्ट- 06:21:18 से 07:17:08 तक
यमगण्ड- 05:25:28 से 07:10:09 तक
गुलिक काल- 08:54:49 से 10:39:30 तक
शुभ समय (शुभ मुहूर्त)
अभिजीत- 11:56:16 से 12:52:05 तक
दिशा शूल
दिशा शूल- दक्षिण
धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए हिंदू पंचांग से शुभ मुहूर्त देखे जाते हैं. उत्सवों के तारीखों का निर्धारण, शुभ कार्यों के लिए समय निर्धारण, ग्रहण और सूर्यग्रहण की तारीखों का निर्धारण, और धार्मिक त्योहारों के महत्वपूर्ण तिथियों की जानकारी भी हिंदू पंचांग देखकर बतायी जाती है.
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