बिहार के मोकामा को रेल फैक्ट्री का तोहफा, ट्रेन कोच का किया जाएगा रखरखाव, जायजा लेने पहुंचे अफसर
मोकामा के बंद भारत वैगन में होगा कोच का रखरखाव, रेलवे अधिकारियों ने मोकामा पहुंचकर परिसर का किया निरीक्षण, रिपोर्ट जल्द ही उच्चाधिकारियों को सौंपने की चल रही है तैयारी : बिहार के लोगों को रेलवे द्वारा बहुत जल्द एक और खुशखबरी या यू कहे तो तोहफा दिया जा सकता है. अधिकारियों ने बिहार के मोकामा में रेल फैक्ट्री खोलने का फैसला लिया है. बताया जाता है कि कोच के रखरखाव को लेकर अधिकारी का एक दल निरीक्षण करने बिहार के मोकामा पहुंचा. यहां रेलवे कोच की रखरखाव को लेकर तैयारियां की जा रही है. पत्रकारों से बात करते हुए रेलवे अधिकारियों ने कहा है कि हम लोगों ने जगह का जायजा लिया है और बहुत ही जल्द इस रिपोर्ट को उच्च अधिकारियों के पास भेजा जाएगा जिसके बाद बिहार के मोकामा में बंद पड़े रेलवे कोच को खोल दिया जाएगा।
भारत वैगन इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड की बंद पड़ी इकाई का रेलवे अधिकारियों ने शनिवार को जायजा लिया। भारत वैगन की जमीन पर रेलवे ने ट्रेन कोच के रखरखाव वर्कशॉप खोलने की योजना पर विचार कर रही है।
हाजीपुर जोन के प्रिंसिपल चीफ मेकेनिकल इंजीनियर अमित अग्रवाल ने शनिवार को भारत वैगन का दौरा किया। टीम के साथ भारत वैगन परिसर का भौतिक सत्यापन किया। हालांकि अधिकारी कुछ भी नहीं बोल। रेल सूत्रों की मानें तो ट्रेन कोच के रखरखाव वर्कशॉप खोलने का रोड मैप तैयार किया जा रहा है। फिलहाल पूरी प्रक्रिया प्रस्ताव के स्तर पर है। निरीक्षण रिपोर्ट को जल्द ही पूर्व मध्य रेलवे के उच्चाधिकारियों के समक्ष पेश किया जाएगा। उसके बाद रेलवे के सभी मापदंडों के अनुरूप होने पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। फिर आगे की कार्ययोजना बनाई जायेगी।
बदलता रहा है इतिहास वर्ष-1958 में बतौर निजी कंपनी स्थापित किया।8 फरवरी 1962 को तत्कालीन रेलमंत्री जगजीवन राम ने औपचारिक उद्घाटन किया था। भारत वैगन का राष्ट्रीयकरण 1978 में हुआ। भारी उद्योग निगम की इकाई के तौर पर काम कर रही इस कंपनी को वर्ष 2008 में रेलवे द्वारा अधिग्रहण किया गया।13 अगस्त, 2008 को केंद्र सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय ने कंपनी का प्रशासनिक नियंत्रण रेलवे को हस्तांतरित कर दिया। 23 अगस्त 2017 को केंद्र ने कंपनी को बंद करने की घोषणा की। बीते पांच वर्षों से भारत वैगन के 39.21 एकड़ का वर्कशॉप और 9.76 एकड़ का आवासीय परिसर बेकार पड़ा है। पहले भी कई बार अधिकारियों ने इस पर कार्य योजना बनाई लेकिन अभी तक धरातल पर उतर नही पाई। अब देखना है कि भारत वैगन कब एक नया रूप लेगा।
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