कोलकाता मेट्रो की नौकरी छोड़कर मछली पालन करने लगा इंजीनियर लड़का, बन गया लखपति
हर एक मां बाप का सपना होता है कि उसका बेटा बड़ा होकर इंजीनियर डॉक्टर बने पैसे के साथ-साथ रुतबा और नाम कमाए. यही कारण है कि गरीब से गरीब गार्जियन भी अपने बच्चों को यथासंभव स्कूल में पढ़ने भेजते हैं और हायर एजुकेशन के लिए लोन या कर्जा लेकर उन्हें डिग्री दिलवा ते हैं. लेकिन क्या हो उस परिजन पर जब इंजीनियरिंग करने के बाद लाखों सैलरी पैकेज पर काम मिलने के बाद एक दिन घर का लड़का यह कह दे कि उसे इंजीनियरिंग की नौकरी नहीं करनी है बल्कि वह मछली पालन करना चाहता है. जाहिर सी बात है माता-पिता के साथ-साथ परिवार के सारे लोग उसे समझाने लगेंगे पागल कहेंगे आस-पड़ोस के लोग उन्हें यह बताने का प्रयास करेंगे कि तुमने पढ़ाई इंजीनियर बनने के लिए किया है ना कि मछली पालक बनने के लिए।
हम जिस लड़के की कहानी आपको सुना रहे हैं उनका नाम प्रखर प्रताप है. उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिला के रहने वाले हैं. उनके माता-पिता गरीब किसान हैं. प्रताप बताते हैं कि 12वीं तक की पढ़ाई उन्होंने अपने गांव से की है. किसान होने के बाद भी पापा ने उन्हें कभी अपने साथ खेत पर जाने नहीं दिया. वे चाहते थे कि गांव में जिस तरह से बड़े लोगों के बच्चे पढ़कर बड़ी डिग्री लेते हैं और अच्छी कंपनियों में नौकरी करते हैं उनका बेटा वह करें. जबकि बचपन से ही खेती करने में मुझे मजा आता था लेकिन पापा का कहना था कि मैं इंजीनियर बनूं।
मैंने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. आप लोगों को जानकर आश्चर्य होगा कि पढ़ाई करने के बाद मैं कोलकाता मेट्रो, एरा इंफ्रास्ट्रक्चर सुपरटेक, एफएलसीएल सहित कई बड़े कंपनियों में काम कर चुका हूं. इसी दौरान में कभी-कभी पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के ग्रामीण क्षेत्रों में जाया करता था जहां मैंने मछली पालन करने वाले लोगों को देखा और उनसे बहुत कुछ सीखा।
प्रखर प्रताप बताते हैं कि मैं जानता था कि मैं नौकरी छोड़कर मछली पालन के व्यवसाय में जा रहा हूं यह कोई आसान काम नहीं है. पहले तो परिवार वाले तैयार नहीं हुए अंत में सबने यही कहा कि देख लो जो तुम्हें ठीक लगे वह करो।
काम शुरू करने के बाद मैंने सबसे पहले एक मछली विशेषज्ञ से संपर्क किया. अपने गांव आने का निमंत्रण दिया और बेहतर तकनीक सीखने का प्रयास किया. परिणाम यह हुआ कि मुझे बहुत जल्द रिजल्ट मिलने लगा और कमाई शुरू हो गई. प्रखर बताते हैं कि काम शुरू करने के बाद दूसरे ही साल में मुझे ₹1000000 की आमदनी हुई।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.