कॉर्पोरेट फर्म से इस्तीफा देकर मंजिल ने चुनी UPSC की राह, पहले प्रयास में बनीं IPS, अब मिला गैलेंट्री अवॉर्ड
गणतंत्र दिवस 2024 के अवसर पर उत्तर प्रदेश के दो आईपीएस ऑफिसर्स डीजी प्रशांत कुमार और DIG मंजिल सैनी को गैलेंट्री अवॉर्ड (Gallantry Award) से अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. आईपीएस मंजिल सैनी को ‘लेडी सिंघम’ के तौर पर जाना जाता है. आईपीएस मंजिल सैनी अभी एनएसजी की डीआईजी हैं. यहां पढ़िए उनकी सफलता की कहानी…
2005 बैच की आईपीएस ऑफिसर
मंजिल सैनी साल 2005 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं. वह लखनऊ और रामपुर की एसएसपी रही हैं, जहां उनके द्वारा किए गए शानदार काम के लिए उन्हें याद किया जाता है. इतना ही नहीं खास बात यह है कि वह मंजिल सैनी लखनऊ के एसएसपी का पद संभालने वाली पहली महिला अफसर रही हैं.उन्होंने इटावा में भी बेहतरीन काम किया है. इतना ही महीं मशहूर अमित कुमार किडनी रैकेट मामले की जांच में भी उनकी अहम भूमिका रही है।
मंजिल सैनी की शिक्षा
दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से ग्रेजुएशन करने वाली मंजिल सैनी, गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी हैं. कॉलेज की पढ़ाई के बाद उन्होंने तीन साल तक एक कॉर्पोरेट फर्म में नौकरी की, लेकिन वह यहीं तक ठहरने के लिए नहीं जन्मी थीं, उनकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. इस तरह मंजिल ने जॉब छोड़कर यूपीएससी की राह चुनी।
वह सिविल सर्विस एग्जाम क्रैक करने में कामयाब रहीं. इस तरह एक साधारण सी नौकरी को छोड़ उन्होंने टफ डिसिजन लिया और अपनी मेहनत की बदौलत अपने पहले ही अटैम्प्ट में सफल होकर आईएएस ऑफिसर बन गईं. उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में बिना कोचिंग के सफलता हासिल की थी. मंजिल की पहली पोस्टिंग मुराबाद में बतौर एसएसपी हुई थी।
पर्सनल लाइफ
जानकारी के मुताबिक ऑफिसर मंजिल सैनी आईपीएस बनने से पहले साल 2000 में जसपाल देहल से शादी के बंधन में बंध गई थीं. उनके पति जसपाल दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में उनके क्लासमेट रह चुके हैं. मंजिल सैनी और जसपाल देहल की एक बेटी और एक बेटा है।
ऐसे आई थीं चर्चा में
करियर के शुरुआत में ही आईपीएस मंजिल सैनी किडनी चोरी करने वाले रैकेट का पर्दाफाश कर सुर्खियों में आ गई थीं. एक रात उन्होंने साहस दिखाते हुए मेरठ और नोएडा के अस्पतालों में छापा मारा था।
मंजिल का ये साहसिक कारनामा भी हुआ मशहूर
जुलाई 2017 में दिल्ली के स्थित प्रीत विहार के मेट्रो हार्ट एवं कैंसर हॉस्पिटल के डॉक्टर श्रीकांत गौड़ को किडनैप कर 5 करोड़ की फिरौती की मांग की गई थी. दिनदहाड़े हुई इस किडनैपिंग की जानकारी दिल्ली पुलिस द्वारा तत्कालीन एडीजी मेरठ प्रशांत कुमार और एसएसपी मेरठ मंजिल सैनी के मिली, तो इनपुट के आधार पर अपराधियों की लोकेशन ट्रेस की गई. उस दौरान मेरठ में कांवड़ मेला शिखर पर था, ऐसे में एक साहसिक मुठभेड़ के बाद डॉक्टर श्रीकांत को सकुशल बरामद किया गया था, जिसके लिए ऑफिसर प्रशांत कुमार और पुलिस ऑफिसर मंजिल सैनी को गैलेंट्री अवॉर्ड मिला।
तेजतर्रार पुलिस अफसर
कामयाबी की बुलंदी छूने वाली यूपी कैडर की तेजतर्रार पुलिस अफसर मंजिल सैनी ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरीं, जब भारत सरकार की ओर से उन्हें उनके शौर्य और विशिष्ट सेवा के लिए गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित करने का फैसला किया गया।
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