अपर मुख्य सचिव केके पाठक का शिक्षा के लिए लगातार मेहनत रंग ला रही है. बिहार के स्कूलों में हर दिन निरीक्षण व्यवस्था लागू होने से बच्चों की हाजिरी में सुधार हुआ है. स्कूलों का निरीक्षण 1 जुलाई 2023 से शुरू हुआ तो चौंकाने वाला सच सामने आया. वहीं निरीक्षण रिपोर्ट से पता चला कि राज्य में करीब 64 प्रतिशत ऐसे स्कूल है जहां पर आधे से भी कम बचा रहे हैं. जो अब सिर्फ 12 प्रतिशत रह गया है।
बता दें राज्य में 75 हजार से अधिक सरकारी स्कूल है. इनमें करीब 25 हजार स्कूलों में प्रतिदिन शिक्षा विभाग के अफसर और कर्मी निरीक्षण करते हैं. वहीं विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने व्यवस्था बनाई है . जिसमे निरीक्षण के दौरान मुख्य रूप से स्कूलों में बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति की जांच होती है. प्रखंड और जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश है कि स्कूल में बच्चों की उपस्थिति में अगर सुधार नहीं हुआ तो उन लोगों पर कार्यवाही होगी . साथ ही वेतन भी बंद किया जाएगा . हालांकि निरीक्षण के बाद जितना सुधार प्रारंभिक स्कूलों में हुआ है. उनके अनुपात में माध्यमिक उच्च माध्यमिक स्कूलों में नहीं हुआ है।
बता दें कि जुलाई के दूसरे सप्ताह तक 50 प्रतिशत से कम की उपस्थिति वाले प्रारंभिक स्कूल जो कक्षा 1 से 8 की संख्या 16 प्रतिशत हो गई थी. वही अब इस अवधि में माध्यमिक उच्च माध्यमिक स्कूलों में भी कम बच्चे आ रहे थे. जो अगस्त के पहले सप्ताह के निरीक्षण रिपोर्ट बताती है कि प्रारंभिक माध्यमिक उच्च माध्यमिक विद्यालय में भी सुधार हुआ है।
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