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हिन्दू-मुसलमान, किसकी दुकान से सामान खरीदेंगे कांवड़िए? योगी सरकार के आदेश पर क्या है जनता की राय?

सावन की शुरुआत से पहले कांवड़ यात्रा काफी सुर्खियों में है। वैसे तो भोलेनाथ के भक्त हर साल कांवड़ यात्रा लेकर निकलते हैं। मगर इस बार कांवड़ यात्रा को लेकर सियासी खेमों में घमासान मचा हुआ है। उत्तर प्रदेश में कांवड़ रूट पर मौजूद दुकानदारों को योगी सरकार ने नेम प्लेट लगाने का फरमान जारी कर दिया है। इसे लेकर पक्ष और विपक्ष में बयानबाजी तेज हो गई है। हालांकि आम जनता की इस पर क्या राय है? कांवड़ियों ने योगी सरकार के इस फैसले पर कैसा रिएक्शन दिया है? आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में…

कांवड़ियों ने क्या कहा?

मुजफ्फरनगर में कांवड़ लेकर पहुंचे कई लोग योगी सरकार के आदेश का समर्थन करते नजर आ रहे हैं। एक कांवड़ यात्री ने इस पर बात करते हुए कहा कि सरकार ने ये हमारे लिए बहुत अच्छी सुविधा दी है। योगी आदित्यनाथ ने जो ये फैसला लिया है कि कुछ भी बेचने और खरीदने वाले को नाम दिखाना अनिवार्य है। इससे हमारा फायदा ये है कि हमें पता रहेगा कि हम किस व्यक्ति से क्या सामान ले रहे हैं। पूजा-पाठ और खाने का सामान हम किस्से ले रहे हैं, ये हमारा फैसला होना चाहिए।

कांवड़ पर मची सियासत

योगी सरकार के आदेश पर गरमाई सियासत का जिक्र करते हुए एक कांवड़ यात्री ने कहा कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। ये हमारा हक होना चाहिए कि हम किससे सामान लेते हैं और किससे नहीं। हिन्दू और मुसलमान की बात नहीं है लेकिन कुछ लोग इस तरह की हरकते करते हैं। पिछली बार भी कई जगहों पर खाने की चीजों में थूकने की घटनाएं सामने आई थीं। ये भी तो ठीक नहीं है। इसलिए अगर दुकान पर नाम लिखा होगा तो हमें पता रहेगा कौन-क्या है? पहली बार कांवड़ लेने जाने वाले यात्रियों का कहना है कि प्रशासन के इस आदेश से जमीनी स्तर पर बहुत फर्क पड़ता है। हमें पता रहता है कि कौन सी दुकान किसकी है?

आम लोगों की राय

बता दें कि उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के पूरे रूट पर दुकानदारों ने दुकान के सामने नेम प्लेट लगा रखी है। कांवड़ यात्री भी प्रशासन के इस आदेश को लेकर सजग दिखाई दे रहे हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो योगी सरकार का ये आदेश सिर्फ कांवड़ियों के लिए नहीं बल्कि आम लोगों के भी बेहद जरूरी है। क्योंकि कई मुसलमान लोगों के ढाबे हैं, जहां मीट बनता है। इससे शाकाहार खाने वालों के लिए सही दुकान पहचानना बहुत मुश्किल हो जाता है। हालांकि फलों के ठेले लगाने वालों के लिए ये फैसला सही नहीं है। उन पर उसे लागू नहीं करना चाहिए।


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Sumit ZaaDav

Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.

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