Nitish Kumar के विरोध के बाद भी एक विधायक की कैसे बची कुर्सी? दो को किया था बर्खास्त
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कई चाहने वाले हैं लेकिन उनके विरोधियों की भी कमी नहीं है। सत्ता के गलियारों में कई लोग नीतीश कुमार का विरोध करते नजर आते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि बिहार के तीन विधायकों को नीतीश का विरोध महंगा पड़ गया। दो विधायकों को कुर्सी से हाथ धोना पड़ा तो वहीं तीसरे विधायक ने जैसे-तैसे माफी मांग कर अपनी कुर्सी बचा ली।
राबड़ी देवी के मुंह बोले भाई
पहली घटना इसी साल फरवरी महीने की है। बिहार के विधायक सुनील कुमार ने नीतीश कुमार को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी। यही नहीं उन्होंने सदन में खड़े होकर नीतीश की नकल भी उतारी। बता दें कि बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और आजेडी नेता राबड़ी देवी सुनील को अपना मुंह बोला भाई मानती हैं। हालांकि राबड़ी के भाई को नीतीश की मिमिक्री काफी भारी पड़ गई। सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सुनील कुमार को बर्खास्त कर दिया।
#WATCH | A complaint was made to the Ethics Committee of the Legislative Council, Bihar, regarding RJD MLC Sunil Kumar Singh reportedly mimicking CM Nitish Kumar in the Legislative Council, in the last session. The committee has submitted the investigation report to the Chairman,… pic.twitter.com/dYGRq3YYl2
— ANI (@ANI) July 25, 2024
लालू ने दिलाई कुर्सी, तेजस्वी पर किया वार
दूसरा मामला रामबली चंद्रवंशी का है। रामबली को आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने 2020 में विधायक की कुर्सी पर बिठाया था। हालांकि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले रामबली ने ना सिर्फ नीतीश कुमार को खरी-खोटी सुनाई बल्कि पूर्व डिप्टी सीएम और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव को भी नहीं बख्शा। उन्होंने दावा किया कि तेजस्वी यादव शराब पीते हैं। रामबली पर एक्शन लेते हुए उनकी सदस्या भी खत्म कर दी गई।
RJD MLC Rambali Singh Chandravanshi disqualified from Bihar Legislative Council. He had made statements against his party as well as CM Nitish Kumar in recent past.
(Pic: His Facebook Page) pic.twitter.com/ibhjNCP55s
— ANI (@ANI) February 6, 2024
माफीनामें ने बचाई कुर्सी
आरजेडी की विधायक मोहम्मद कारी सोहेब पर भी बर्खास्तगी की तलवार लटक रही थी। हालांकि उन्हों माफीनामें का रास्ता चुनाव। सोहेब ने नीतीश के खिलाफ बयान दिया था। मगर जब उनकी कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा तो सोहेब ने माफी मांगते हुए अपना बचाव कर लिया।
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