Paris Olympics मेडलिस्ट मनु भाकर के कोच जसपाल राणा का दर्द छलका, बोले- जिन्होंने गालियां निकालीं, आज इंटरव्यू चाहते
पेरिस ओलंपिक 2024 में इंडियन शूटर मनु भाकर ने देश को पहला मेडल दिलाकर इतिहास रचा। मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश का, परिवार का, अपने कोच का नाम रोशन किया। वहीं मनु भाकर की उपलब्धि पर उनके कोच जसपाल राणा ने भी खुशी जताई। RevSportz के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने मनु भाकर और उनके परिवार को मेडल जीतने की बधाई दी।
साथ ही अपने जीवन संघर्ष पर भी खुलकर बात की। पूर्व ओलंपियन जसपाल राणा इंटरव्यू के दौरान भावुक भी हो गए। उन्होंने बताया कि कैसे टोक्यो ओलंपिक में मनु भाकर के हारने के बाद उन्हें संघर्ष करना पड़ा। उन्हें बुरा भला कहा गया, गालियां निकालते हुए दुर्व्यवहार किया गया। इतना ही नहीं उन्हें पैसे कमाने के लिए नौकरी तक तलाशनी पड़ी। जसपाल राणा ने टोक्यो ओलंपिक के बाद किए गए जीवन संघर्ष का खुलासा किया।
Jaspal Rana, Manu Bhaker's coach in absolute tears, after Manu bagged the Bronze medal to open India's tally in #Paris2024
Both @jaspalrana2806 and @kannandelhi were emotional. Extremely proud moment for India 🇮🇳@RevSportzGlobal @BoriaMajumdar pic.twitter.com/EEFkXtg15P
— Subhayan Chakraborty (@CricSubhayan) July 28, 2024
जो गालियां देते थे, आज इंटरव्यू लेना चाहते
जसपाल राणा ने बताया कि टोक्यो ओलंपिक के बाद से ही वे आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे हैं। मनु भाकर ने पेरिस में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा है। वह शूटिंग में ओलंपिक मेडल जीतने वाली पहली महिला शूटर बन गई है। इसके बावजूद उनको 3 साल से नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया से वेतन नहीं मिला है, जिससे उन्हें तत्काल रोजगार का साधन तलाशने के लिए मजबूर होना पड़ा।
जसपाल राणा ने कहा कि जिन लोगों ने टोक्यो ओलंपिक के बाद मुझसे दुर्व्यवहार किया, मुझे गालियां निकालीं, खलनायक बनाया, वे अब मेरा इंटरव्यू लेना चाहते हैं। कोई समस्या नहीं है, मैंने साक्षात्कार दिए है, लेकिन क्या ये लोग मेरे आर्थिक नुकसान की भरपाई कर पाएंगे? मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में मेडल जीता, अपनी होनहार स्टूडेंट की सफलता पर जहां उनकी खुशी छलकी, वहीं उन्होंने अपने आर्थिक हालातों पर प्रकाश डालते हुए नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) और अन्य खेल संगठनों पर सवाल उठाए।
"No one will remember those who finish fourth or don't perform"
Jaspal Rana and Manu Bhaker give us an insight into what went behind that bronze medal triumph in #Paris2024 pic.twitter.com/IuGl1dU8MR
— Sportstar (@sportstarweb) July 28, 2024
मनु ने मुझे कोच बनाकर महत्वपूर्ण बना दिया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जसपाल राणा ने कहा कि मैं कोई नहीं हूं। मैंने बस एक नौकरी की है। मनु चाहती थी कि मैं उसकी मदद करूं और मैंने उसे सिर्फ शूटिंग के गुर सिखाए, ब्रॉन्ज मेडल उसकी मेहनत का परिणाम है। मैं मनु भाकर की उपलब्धि से उससे ज्यादा खुश हूं, क्योंकि उसने मेरा सिर झुकने नहीं दिया। मनु ने दिखाया है कि वह क्या कर सकती है? मैंने सिर्फ उसके हुनर को धार दी है।
राणा ने ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने में सहायता के लिए पीटी उषा और कैप्टन अजय नारंग का आभार व्यक्त किया। वहीं इंटरव्यू के दौरान राणा अपनी आर्थिक तंगी और संघर्ष का अहसास जाहिर करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि मनु स्टार है, मैं बेरोजगार कोच हूं। मनु ने मुझसे शूटिंग के गुर सीखकर मुझे महत्वपूर्ण बना दिया, लेकिन पिछले 3 साल मेरे लिए बहुत कठिन रहे। इस बारे में कभी बात नहीं करना चाहता था, लेकिन आज खुद को रोक नहीं पाया।
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